उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान में सियासी घमासान के बीच वल्लभनगर से विधायक प्रीति शक्तावत का बयान सामने आया है। बीते दिनों में हुए राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर प्रीति ने कहा कि कुछ लोगों ने अंधेरे में रखकर शांति धारीवाल के घर बैठक बुलाई थी। विधायकों के इस्तीफा देने का मामले पर प्रीति ने कहा कि उन्हें इस विषय में कोई भी जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपना इस्तीफा पुन: वापस लेंगी। आलाकमान का हर निर्णय मान्य होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना बुलाई बैठक गलत है। कई विधायकों को शांति धारीवाल के घर बुलाई गई बैठक के कारण का पता नहीं था। उन्होंने कहा कि रविवार को जो घटनाक्रम घटित हुआ वह गलत था। प्रीति शक्तावत ने कहा कि कुछ नेताओं की ओर से मानेसर गए कांग्रेस विधायकों को गद्दार कहने पर प्रीति शक्तावत ने तल्ख लहजे में उन पर कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा कि बार-बार गद्दार शब्द सुनकार दिल बहुत दुखी हुआ था। मानेसर जाने वाले विधायकों को गद्दार कहने से मैं आहत हूं। ऐसी टिप्पणी सुनकर मुझे रोना आया था। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का जो भी आदेश होगा हम सभी को मानना होगा। प्रीति शक्तावत ने सीएम का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें बिना बताए इस तरह की बैठक करना और हम जैसे नए विधायकों को अंधेरे में रखकर मीटिंग बुलाना गलत है। प्रीति शक्तावत ने साफ शब्दों में कहा कि बीते रविवार को विधायक दल की बैठक के लिए हमें जयपुर बुलाया गया था। लेकिन फिर दोबारा फोन आया कि शांति धारीवाल के घर आना है। ऐसे में हम सभी लोग शांति धारीवाल के घर चले गए। कुछ घंटे बाद पता चला कि उन्होंने इस तरह की बैठक का आयोजन किया है। प्रीति शक्तावत का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम के बीच शांति धारीवाल के घर बैठक में मानेसर जाने वाले विधायकों के लिए गद्दार शब्द का प्रयोग किया जा रहा था। यह काफी हर्ट करने वाला था। क्योंकि मानेसर जाने वाले उन 19 विधायकों में दिवंगत गजेंद्र सिंह शक्तावत भी थे। ऐसे इस तरह की भाषा को प्रयोग करना दिल को दुखी करने वाला था। सीएम अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव न लड़ने को लेकर विधायक प्रीति शक्तावत ने खेद जताया है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते तो कांग्रेस पार्टी में पूरा देश का नेतृत्व करते। हालांकि अभी भी जो आलाकमान करेगा वह हम सभी के लिए मान्य होगा।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर वल्लभनगर विधायक ने कहा कि वही मुझे राजनीति के क्षेत्र में लेकर आए थे। उनके सपोर्ट की वजह से मैं आज विधायक के पद पर हूं और अपनी विधानसभा क्षेत्र में कार्य कर रही हूं, लेकिन रविवार को जिस तरह का घटनाक्रम हुआ उससे सीएम गहलोत भी दुखी हुए हैं। इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री का दोष नहीं है।