जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव  गायत्री राठौड़ ने विश्व पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान का अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के कारण देश और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर विशेष स्थान है। प्रदेश के ऐतिहासिक किले एवं महल पुरातत्व एवं स्थापत्य कला के महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। साथ ही यहां के त्योहार, मेलों और उत्सवों में प्रदेश की बहुआयामी लोक संस्कृति, हस्तशिल्प, लोक संगीत एवं नृत्यों की विविधताएं सैलानियों के लिए सदैव ही आकर्षण का केन्द्र रही है। 
राठौड़ विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग, यूनेस्को और जयपुर विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर स्थित मसाला चौक पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा नाईट ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई पहल की जा रही है। प्रदेश के प्रमुख स्थलों पर नाईट ट्यूरिज्म और हेरिटेज संस्कृति, लोक कला और लोक कलाकारों को बढ़ावा दिया जायेगा।
ताकि ज्यादा से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटकों को हमारी समर्थ संस्कृति और लोक कला से रूबरू करवाया जायेगा। पर्यटन निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि राजस्थान अपनी संस्कृति,समृद्ध विरासत और वैभवशाली इतिहास के लिए दुनियाभर में विख्यात है। स्वदेशी और विदेशी पर्यटक यहां की कला, किले, महल, बावड़ियां, पारम्परिक लोक कला एवं रंग-बिरंगी संस्कृति से अभिभूत हो जाते है। पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों को राज्य की परम्परा और विरासत से परिचित करवाया जायेगा। कार्यक्रम में लंगा, मांगणियार, मीर (लोक संगीत) और कालबेलिया (लोक नृत्य), लोक कलाकारों ने अपनी कला के अद्भुत प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।उल्लेखनीय है कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के सभी स्मारकों और संग्रहालयो पर पर्यटकों के लिए प्रवेश नि:शुल्क रखा गया। इन स्थलों पर पर्यटकों का तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही स्मारकों पर लोक कलाकारों की ओर से कच्छी घोड़ी नृत्य, कालबेलिया नृत्य समेत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक मो. सलीम खान, सयुक्त निदेशक डॉ. पुनीता सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।