जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर शहर के अराध्यदेव गोविंददेव जी के सत्संग भवन में चल रहे तीन दिवसीय शिव महापुराण कथा का पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया। शिवपुराण के कथा वाचक आचार्य सतीश सदगुरु महाराज के सानिध्य में बड़ी संख्या में नगर की महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। कथा वाचक सतीश सदगुरु महाराज ने अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं। इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्ना होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं।कथावाचक सतीश सदगुरु महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि धार्मिक आयोजनों में भावनाएं होनी जरूरी है।इस दौरान परम श्रद्धेय मारूतिनंदन शास्त्री महाराज (वृंदावन वाले) ने भी प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य यही है कि आज हम सब भगवान शिव की कथा श्रवण कर रहे हैं। भगवान को प्राप्त करने का और कोई साधन नहीं है केवल सत्संग ही है। इसी से ही मनुष्य का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि जब तक हमारा मन सत्संग से नहीं जुड़ता, भगवान से नहीं जुड़ता तक उसे पाना संभंव नहीं है। भगवान की प्राप्ति भी प्रेम से ही हो पाएगी इसलिए जीवन को भक्ति से जोड़ो। आरती के पश्चात रुद्राक्ष का प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान नगर निगम की महापौर शील धाबाई व उप महापौर पुनीत कर्णावट ने आरती की व  आर्शीवाद लिया।