जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
गहलोत समर्थक विधायकों की ओर से आधिकारिक विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके समानांतर बैठक चलाने को लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन का बड़ा बयान सामने आया है।प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि गहलोत गुट के विधायकों ने अनुशासन बरती है, आगे देखेंगे कि उस पर क्या कार्रवाई हो सकती है? प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जब कांग्रेस आलाकमान ने आधिकारिक विधायक दल की बैठक बुलाई थी तो उस बैठक का बहिष्कार करके यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक बुलाना अनुशासनहीनता का हिस्सा है।
गहलोत से पूछकर बुलाई गई थी बैठक।
प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछकर और उनकी सहमति के बाद ही बुलाई गई थी, लेकिन जिस तरह का रवैया गहलोत गुट के विधायकों ने दिखाया है। वो सही नहीं है, उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार गहलोत गुट के विधायकों से कहते रहे हैं कि हम वन टू वन उनकी बात सुनेंगे और जो उनकी मांग होगी उसको पार्टी आलाकमान के समक्ष रखेंगे लेकिन गहलोत कैंप विधायक बैठक में नहीं पहुंचे।
गहलोत गुट के विधायकों ने तीन शर्त रखी।
प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास प्रतिनिधि के तौर पर हमारे पास आए थे। उन्हें तीन शर्ते हमारे सामने रखी थी, पहली शर्त यह थी कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाए, दूसरी शर्त यह रखी थी कांग्रेस विधायक दल की बैठक 19 अक्टूबर के बाद ही बुलाई जाए और तीसरी शर्त रखी कि 102 विधायकों ने सरकार बचाने में अहम रोल निभाया था उन्हीं में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाए।
प्रस्ताव में शर्तें जोड़ना सही नहीं।
माकन ने कहा कि गहलोत कैंप के विधायकों ने प्रस्ताव में अपने शर्तें जोड़ने की मांग रखी थी जो सही नहीं है, कांग्रेस के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि प्रस्ताव में शर्तें जोड़ी जाएं। प्रस्ताव सिंगल लाइन का आता है और उसके बाद उस प्रस्ताव पर पार्टी आलाकमान की मुहर लगती है। अजय माकन ने कहा कि गहलोत खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं, तो क्या बाद में इस बात पर सहमत होते कि इस तरह का प्रस्ताव लाया जाए।
सोनिया गांधी को सौंपेंगे रिपोर्ट।
प्रभारी अजय माकन ने कहा कि किन विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं और कौन-कौन से विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए, उन तमाम की रिपोर्ट बनाकर सोनिया गांधी को सौंपेंगे। माकन ने कहा कि हम लगातार गहलोत गुट के विधायकों से कह रहे थे कि उनकी बात को गंभीरता से सुना जाएगा और सोनिया गांधी के समक्ष रखा जाएगा, जिसके बाद सोनिया गांधी अशोक गहलोत से पूछकर ही कोई फैसला लेती, लेकिन हम इंतजार करते रहे और विधायक बैठक में नहीं आए।