राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट  के बीच विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है। विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मध्यावधि चुनाव की मांग की है। मीडिया से बातचीत करते हुए मलिंगा ने कहा कि आलाकमान को चाहिए कि जिन विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं, उनके इस्तीफे स्वीकार करें। मलिंगा ने कहा कि मध्यावधि चुनाव करवा लेना चाहिए, जिससे यह पता चल जाए कि किसमें कितना दम है। सचिन पायलट कैंप के साथ जुड़े विधायक गिर्राज मलिंगा ने कांग्रेस पार्टी के विधायकों के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त के साथ ही अपनी ही सरकार को अल्पमत में बताया है। मलिंगा ने कहा कि स्पीकर सीपी जोशी को चाहिए कि उन्हें जितने भी विधायकों ने इस्तीफा दिए हैं, उसे स्वीकार कर लें। उन्होंने कहा कि विधायकों ने मीडिया के सामने ही इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ ही गई। जब सरकार अल्पमत में आ गई तो एक बार चुनाव करवा लेना ज्यादा ठीक होगा। चुनाव में पता चल जाएगा कि इनको टिकट कहां से मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्यावधि चुनाव हो जाएं तो रोज की समस्या ही समाप्त हो जाए। कौन मुख्यमंत्री, कौन प्रधानमंत्री" जो भी बनना होगा बन जाएगा। मलिंगा ने कहा कि हम कांग्रेस के साथ खड़े हैं। और कांग्रेस के साथ ही रहेंगे चाहे आलाकमान अशोक गहलोत को सीएम बनाए या सचिन पायलट को बना दें, हम उनके साथ हैं। मलिंगा ने यह भी कहा कि आलाकमान अगर किसी तीसरे को भी सीएम बना देगी तो हम उसके साथ भी खड़े हैं। मलिंगा ने कहा कि हम तो आलाकमान के साथ खड़े हैं क्योंकि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है, कोई व्यक्तिगत चुनाव जीतकर नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि जब वे विधायक रिजाइन दे चुके हैं तो उसे स्वीकार कर लेना चाहिए। स्पीकर क्यों स्वीकार नहीं कर रहे। इस बारे में आलाकमान को कड़ा फैसला लेना चाहिए, क्या फर्क पड़ता है चुनाव हो जाएंगे तो 1 साल बाद भी चुनाव होना ही है। जिसके नसीब में होगा वह सरकार बना लेगा। अलग से पार्टी बना लें यह लोग और फिर चुनाव लड़के दिखा दें, पता लग जाएगा किसमें कितना दम है। मैं तो आलाकमान से ही मांग करता हूं और विधानसभा स्पीकर से भी यह निवेदन करता हूं कि जिन लोगों ने इस्तीफे दिए हैं, उसे स्वीकार कर लें। गिर्राज मलिंगा ने कहा कि मुख्यमंत्री बदले जाने पर खतरा उन 29 मंत्रियों को है जिन्हें डर लग रहा है कि सीएम बदला तो उनकी कुर्सी पर भी खतरा हो सकता है। डर उन मंत्रियों को है जो यहां पर बैठे रहते हैं और जनता का काम नहीं करते और अपनी व्यवस्थाओं में लगे रहते हैं। वह लोग ही इसका विरोध कर रहे हैं और करवा रहे हैं।