जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान की राजनीति में अब एक नए मोड़ पर है। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की तैयारी है। ऐसे में उनकी जगह सीएम के रूप में हाईकमान की पसंद सचिन पायलट हैं, लेकिन आलाकमान के इस फैसले से गहलोत खेमा नाराज हो गया है।विधायक दल की बैठक से पहले ही गहलोत गुट के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचकर इस्तीफा दे दिया है। इसी स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने का संकेत मिल रहा है। गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उनके उत्तराधिकारी को चुने जाने की चर्चा है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मिडिया से कहा कि हम बस से विधानसभा अध्यक्ष के निवास जा रहे हैं और अपना इस्तीफा सौंपेंगे।'' सूत्रों ने दावा किया कि समूह में निर्दलीय समेत करीब 92 विधायक हैं। इनमें से कुछ विधायकों ने परोक्ष रूप से पायलट का हवाला देते हुए कहा कि गहलोत का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था।खाचरियावास ने कहा कि सभी विधायक चाहते हैं कि पार्टी आलाकमान उनकी बात सुनकर ही राज्‍य में नेतृत्‍व परिवर्तन के बारे में कोई फैसला करे। हालांकि, इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि सचिन पायलट को छोड़कर किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बना दिया जाए, हमें कोई ऐतराज नहीं है। हम आलाकमान के हर फैसले के साथ हैं। हमें सचिन पायलट से कोई नफरत नहीं है, बस कांग्रेसी विधायक यह चाहते हैं कि उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाए। पार्टी के एक अन्य नेता गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि गहलोत मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों की भूमिका निभा सकते हैं। खाचरियावास ने कहा कि विधायक चाहते हैं कि पार्टी आलाकमान उनकी बात सुनकर ही राज्‍य में नेतृत्‍व परिवर्तन के बारे में कोई फैसला करे।