डूंगरपुर-प्रवेश जैन।
डूंगरपुर जिले में सरकारी शिक्षक भंवरलाल परमार के खिलाफ आदिवासी महिलाओं के पहनावे व व्रत त्योहारो पर अभद्र टिप्पणी करने पर केस दर्ज होने के मामले में आदिवासी परिवार के लोगो ने आक्रोश जताया है।शिक्षक के समर्थन में हजारो की संख्या में आदिवासी परिवार के लोगो ने शहर में रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया कलेक्ट्रेट पर धरना व ज्ञापन देकर शिक्षक भवंरलाल के खिलाफ दर्ज मुक़दमे को वापस लेने की मांग की है। दरअसल डूंगरपुर जिले के सरकारी शिक्षक भंवरलाल परमार द्वारा आदिवासी महिलाओं के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी के मामले में कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है।इधर मुकदमा दर्ज होने के बाद आदिवासी परिवार के लोगो में आक्रोश व्याप्त है। इसी आक्रोश के चलते राजस्थान, गुजरात, एमपी और महाराष्ट्र के आदिवासी परिवार के हजारो लोग डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में जुटे। यहाँ से आदिवासी परिवार के लोगो ने कलेक्ट्रेट तक विशाल रैली निकाली। रैली स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स से रवाना होकर, सदर थाना, पत्रकार कॉलोनी, नया बस स्टैंड, शास्त्री कॉलोनी, तहसील चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पर पहुंची। रैली के कलेक्ट्रेट पर पहुँचने के बाद आदिवासी परिवार के हजारो लोगो ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। धरने में चौरासी विधायक राजकुमार रोत भी शामिल हुए। इस दौरान विधायक राजकुमार सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर वक्ताओं ने शिक्षक भंवरलाल परमार के खिलाफ दर्ज हुए मामले पर कांग्रेस के नेताओं पर षड्यंत्र रचने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा की तीन साल पहले शिक्षक भंवरलाल ने बयान दिया था उसके बाद अभी कुछ दिन पहले कांग्रेसी नेताओं के कहने पर आदिवासी समाज की महिलाओं ने शहर में रैली निकाली थी और उनकी रिपोर्ट पर कोतवाली थाने में शिक्षक भंवरलाल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। इधर कलेक्ट्री पर भव्य जनसभा में हजारों में को भीड़ उमड़ी। सभा को मध्यप्रदेश से आए आदिवासी नेता महेंद्र कन्नौज ने कहा की यहां के कलेक्टर व एसपी में दम है तो भंवर दादा को गिरफ्तार कर के दिखाए और उनके जिस बयान पर मुकदमा दर्ज किया है उसका मैं भी समर्थन करता हु और मेरे भी खिलाफ केस दर्ज कर के दिखाए। इधर धरने के बाद आदिवासी परिवार के लोगो ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में आदिवासी परिवार के लोगो ने शिक्षक भंवरलाल की गिरफ्तारी नहीं करने की चेतावनी दी है। वही गिरफ्तारी होने पर हजारो आदिवासियों द्वारा जेल भरो आन्दोलन की चेतावनी दी है।