जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने एकबार फिर तय कर दिया है कि अशोक गहलोत को ही पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाए और उन्हें फ्री हेंड दिया जाए कि गुजरात , हिमाचल चुनाव तक वही मुख्यमंत्री रहेंगे। उसके बाद वे जिसे चाहें उसे अपनी जगंह मुख्यमंत्री बनाये , राज्य कांग्रेस के प्रभारी भी गहलोत की मर्जी से बदला जाए क्योंकि अजय माकन राजस्थान में दूसरी दफा फ्लॉप प्रभारी साबित हुए हैं जिनका विधायकों से सम्पर्क नहीं है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सवाल उभरा कि मोदी जैसे "24x7" नेता से अशोक गहलोत के इलावा कोई मुकाबला नहीं कर सकता है । जो उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव व उसके बाद हुए वहीं राज्यसभा चुनाव में मोदी को उनके गृह राज्य में कड़ी टक्कर देकर जता दिया था। फिर अपनी सरकार बचाकर साबित कर दिया था कि वे मोदी के खिलाफ रणनीति बनाने में माहिर हैं । जबकि सचिन पायलट स्वंय कांग्रेस की सरकार गिराने में भाजपा से मिले हुए थे इसी कारण कांग्रेस के विधायक उनके विरोधी बने हुए हैं जिनका कहना है पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का अर्थ भाजपा की सरकार बनाना है। इसी कारण गहलोत दिल्ली जा रहें है जिनकी सोनिया से मुलाकात होगी जिसमें ये भी तय हो जाएगा कि उनके समर्थकों को दिये अनुशासन हीनता के नोटिस की परिणीति भी तय हो जाएगी। दरअसल राजस्थान में जो घटा उसके पीछे पार्टी नेताओं की सोची समझी साजिश थी जिसके पीछे भाजपा का हाथ था । साजिश रचने वालों के नाम सोनिया को बता दिए गए हैं जिन्होंने गहलोत को गांधी परिवार से अलग थलग करने की कोशिश की थी । क्योंकि अगर मोदी को कोई कांग्रेसी नेता टक्कर दे सकता है तो वो गहलोत ही है ।