जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर महाराज के 120 शब्द और 29 नियम सृष्टि की समस्त सभ्यताओं का निचोड़ हैं। उपराष्ट्रपति धनकड़ ने नोखा के मुकाम में गुरु जम्भेश्वर के वार्षिक मेले के दौरान आयोजित धर्म सभा में यह उद्गार व्यक्त किए। धनकड़ ने कहा कि मुकाम सही मायनों में पर्यावरण का मुकाम है। मुकाम ने पूरी दुनिया को पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह जानने की आवश्यकता है कि आज से 500 वर्ष पूर्व जब संसाधनों के दुरुपयोग की कल्पना नहीं की जा सकती थी, तब गुरु जम्भेश्वर ने ऐसे नियम दिए जो आज सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर ने सदियों पूर्व पर्यावरण प्रदूषण के खतरे को भांप लिया और जन-जन को सचेत किया। उपराष्ट्रपति धनकड़ ने कहा कि असंयमित दिनचर्या के कारण हमें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में गुरु जम्भेश्वर के सिद्धांतों का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने इन सिद्धांतों को जीवन दान वाली दवा बताया और जन कल्याण के मद्देनजर इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने का आह्वान किया। उन्होंने बिश्नोई समाज के अनुशासन की सराहना की। बिश्नोई रत्न चौधरी भजन लाल के योगदान को याद किया और उनके साथ बिताए क्षणों के संस्मरण सांझा किए। इससे पूर्व उपराष्ट्रपति ने गुरु जम्भेश्वर के समाधि स्थल पर धोक लगाई। उन्होंने चौधरी भजन लाल की प्रतिमा का अनावरण किया। सभा स्थल पर बने मंच का अनावरण और पार्क के सौंदर्यकरण कार्य का लोकार्पण किया। धर्म सभा के दौरान उपराष्ट्रपति ने प्रतिभाओं का सम्मान किया। कार्यक्रम में मुकाम पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य महाराज, सच्चिदानंद महाराज, भगवान नाथ महाराज, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, श्रम राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई, एग्रो मार्केटिंग डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई, फलोदी विधायक पब्बा राम विश्नोई, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई, राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया सहित जनप्रतिनिधि और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए बिश्नोई समाज के हजारों लोग मौजूद रहे।