जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान हर क्षेत्र में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान ने पिछले 4 वर्षाे में सराहनीय विकास किया है। उच्च शिक्षा युवाओं को उनकी रुचियों एवं क्षमताओं को खोजने में मदद करती है, ताकि वे अपना काम कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से कर सकें। उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति की विभिन्न क्षेत्रों में एक मजबूत पकड़ होती है। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलते हैं और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। प्रदेश में उच्च शिक्षा एवं युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार ने अथक प्रयास किए हैं और इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। 
चार वर्षों में खोले गए कुल 211 महाविद्यालय।
राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में पिछले 4 सालों में कुल 211 महाविद्यालय खोले गए हैं। इनमें से 94 महिला महाविद्यालय हैं। ये सभी महाविद्यालय कला, विज्ञान एवं वाणिज्य में उच्च शिक्षा से संबंध रखते हैं। साथ ही प्रत्येक वर्ष विभिन्न विषयों में नए कोर्सेज भी प्रारंभ किए जा रहे हैं। वर्ष 2022 में अब तक 88 महाविद्यालय खोले गए हैं। जिसमें से महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने के लिए 60 महिला महाविद्यालय खोले गये हैं। 27 महाविद्यालय सह शिक्षा के हैं। इन 88 महाविद्यालयों में 16 लॉ कॉलेज भी सम्मिलित हैं। महाविद्यालयों में प्रतिबद्धता के साथ शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। कोविड महामारी के चलते वर्ष 2020 एवं 2021 में विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में समझौता करना पड़ा। इस त्रासदी के मध्य राज्य सरकार ने युवाओं की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े कदम उठाए। विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए महाविद्यालय खोले गए और नए कोर्सेज भी प्रारंभ किए जा रहे हैं।
कृषि महाविद्यालय खोलने की राज्य सरकार की विशेष पहल।
राजस्थान सरकार ने 2022-23 में राज्य बजट जारी करते हुए 29 सहशिक्षा कृषि महाविद्यालय प्रारंभ किए हैं। सभी महाविद्यालय 5 कृषि विश्वविद्यालयों के अंतर्गत सुचारु रूप से नियंत्रित किए जा रहे हैं। इन कृषि विश्वविद्यालयों के अधीन जोबनेर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर एवं उदयपुर में महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। शिक्षा प्रदान करने के लिए किसानों को भी जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है  ताकि युवाओं को अनुभव आधारित शिक्षा प्रदान की जा सके। 
तकनीकी शिक्षा में राजस्थान के बड़े कदम।
विद्यार्थी और युवा वर्ग देश के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विद्यार्थियों की विज्ञान और तकनीक तक पहुंच होना अति आवश्यक है। इस सन्दर्भ में राजस्थान सरकार तकनीकी शिक्षा में उन्नति के लिए बड़े कदम उठा रही है।
राज्य सरकार ने तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 2006 में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय एवं वर्ष 2017 में बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना की। वर्तमान में विश्वविद्यालयों के अंतर्गत 13 संघठक इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हैं। एमबीएम जोधपुर के अंतर्गत 1 संघठक आर्किटेक्चर कॉलेज शामिल है। विश्वविद्यालयों के अंतर्गत 5 संघठक एमसीए कॉलेज एवं 5 संघठक एमबीए कॉलेज आते हैं। साथ ही निदेशालय, तकनीकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत 48 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं। इन सभी महाविद्यालयों में से 71 सहशिक्षा कॉलेज एवं 1 महिला कॉलेज है। तकनीकी शिक्षा तक विद्यार्थियों की पहुँच के लिए पिलानी-झुंझुनू, मण्डोर-जोधपुर, उच्चैन-भरतपुर व नावां-नागौर में नए पालीटेक्निक महाविद्यालयों की स्थापना भी की जाएगी। 
उच्च शिक्षा की राह हुई आसान।
विद्यार्थियों का कहना है की गत वर्षों में उनको शिक्षा के लिए अपने जिले एवं गांव से दूर कॉलेज में जाकर पढ़ना पड़ता था। इस कारण से उनकी पढ़ाई पर रोक लगा दी जाती थी खास तौर पर छात्राओं की पढाई पर। अब हर जिले में महाविद्यालय खोले जाने से विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए समान रूप से अवसर मिला है। अब उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए मीलों दूर सफर नहीं करना पड़ता और ज्यादा से ज्यादा छात्राएं शिक्षा प्राप्त करने में सफल हो सकी हैं।उच्च शिक्षा से विद्यार्थियों के आर्थिक व सामाजिक विकास में मदद होती है जिससे वे बेहतर रोजगार की ओर कदम बढ़ा सकें। राजस्थान सरकार उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयासों में जुटी हुई है।