सवाई माधोपुर-हेमेन्द्र शर्मा।
सवाई माधोपुर में आज वतन फाउंडेशन "हमारा पैगाम भाईचारे के नाम" द्वारा भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम की याद में प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा जलियाँवाला बाग नरसंहार का प्रतिशोध लेने वाले अदम्य पराक्रमी वीर शहीद ऊधमसिंह को श्रद्धांजलि दी गई। वतन फाउंडेशन के प्रवक्ता मोइन खान ने बताया कि भारत रत्न एपीजे अबुल कलाम की पुण्यतिथि पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज प्रश्नोत्तरी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा जलियाँवाला बाग नरसंहार का प्रतिशोध लेने के लिए जनरल ओ डायर को लंदन जाकर मारने वाले अदम्य पराक्रमी वीर शहीद ऊधमसिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।इस अवसर पर प्रोफेसर रामलाल बैरवा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि हमें हमारे महापुरुषों के आदर्श व सिद्धांतों को आत्मसात कर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए । अपने विचार रखते हुए कहा कि आज हमारी शख्सियतों को भुलाया जा रहा है, हमारी जिम्मेदारी है कि हम इनके राष्ट्र के लिए किए गए त्याग और बलिदान को सबके सामने लेकर आए। इतिहास को मानव के साथ जोड़कर देखना अपेक्षित है ताकि विचारधारा स्पष्ट हो,  इससे हम उचित अनुचित का पता कर सकते हैं। जुगराज बैरवा ने कहा कि आज हमें सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है ताकि हम एक समुदाय से विस्तृत समाज की ओर बढ सके जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके। हुसैन आर्मी ने बताया कि ऊधमसिंह के अपनी विपरीत परिस्थितियों में भी मातृभूमि के लिए जान गंवाने वाले लोगो का प्रतिशोध लेने के लिए जलियाँवाला बाग की मिट्टी की सौगन्थ लेकर 21 वर्ष के इन्तजार के पश्चात 13 मार्च 1940 को इंगलैण्ड की एक सभा में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के आरोपी ओ डायर पर वार करके मौत के घाट उतार दिया। उधमसिंह देश में सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे जिन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था।