जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 2018-19 और 2019-20 के लिए जिला निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई-डी) रिपोर्ट जारी की है। यह जिला स्तर पर स्कूल शिक्षा का आकलन करती है। इसमें राजस्थान ने उत्कर्ष ग्रेड में 100 में 81 से 90 प्रतिशत की रेंज में अंक हासिल किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न श्रेणियों में राजस्थान के तीन जिले स्कूली शिक्षा में प्रदर्शन में अग्रणी है, जिसमें झुंझुनू, जयपुर व सीकर शामिल हैं। जुंझुनू ने सीखने के परिणामों में अधिकतम (290 में से 236) स्कोर किया है। रिपोर्ट में राजस्थान इस श्रेणी में दूसरे और तीसरे शीर्ष राज्यों से काफी आगे है। प्रदर्शन के मामले में शीर्ष तीन जिले 1,000 अंक के स्कोर में से सीकर (488), झुंझुनु (486) और जयपुर (482) हैं। अन्य राज्य जिनके जिलों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम सूचकांक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, उनमें पंजाब ने अति-उत्तम ग्रेड में 14 जिलों के साथ (100 के पैमाने में 71 फीसदी से 80 फीसदी की रेंज में स्कोर किया है। इसके बाद गुजरात और केरल के 13 जिले इस श्रेणी में हैं। दूसरी ओर 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जिनमें अति-उत्तम और उत्तम श्रेणियों में कोई जिला नहीं है। इसमें उत्तर पूर्व क्षेत्र के आठ राज्यों में से सात राज्य शामिल हैं। यह तीसरी पीजीआई रिपोर्ट है और अब तक इसमें कोई भी जिला 'दक्ष ग्रेड' यानी कुल अंकों के 90 फीसदी से अधिक स्कोर सुरक्षित करने में कामयाब नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पिछले वर्ष की तुलना में अपने स्कोर में सुधार किया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने अपने स्कोर में 20 फीसदी से अधिक का सुधार किया है। केवल दो राज्यों, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने 2018-19 के मुकाबले कम स्कोर किया है। वहीं जो 12 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों (100 के पैमाने में 61 से 70 प्रतिशत स्कोरिंग) अति-उत्तम और उत्तम की श्रेणी में नहीं है उनमें बिहार, गोवा, जम्मू और कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम , नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड शामिल हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली लगभग 15 लाख स्कूलों, 97 लाख शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लगभग 26 करोड़ छात्रों के साथ दुनिया में सबसे बड़ी है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राज्यों के लिए यह निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई) तैयार की है और संदर्भ वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए रिपोर्ट जारी की है। जिलों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से डाटा भरा जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि पीजीआई-डी से राज्य के शिक्षा विभागों को जिला स्तर पर कमियों की पहचान करने और विकेन्द्रीकृत तरीके से उनके निष्पादन में सुधार करने में मदद मिलेगी।पीजीआई-डी संरचना में 83 संकेतकों में 600 अंकों की 6 श्रेणियों है। इन श्रेणियों को आगे 12 डोमेन में विभाजित किया गया है जैसे शिक्षण परिणाम और गुणवता,शिक्षक उपलब्धता, शिक्षण प्रबंधन,इंफ्रास्ट्रक्च र, सुविधाएं, छात्रों के अधिकार, स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण, डिजिटल लनिर्ंग, निधि का एकीकरण एवं इस्तेमाल और स्कूल नेतृत्व विकास आदि शामिल हैं। पीजीआई-डी में जिलों को दस ग्रेडों में विभाजित किया गया है, यानी उस श्रेणी में अथवा कुल मिलाकर 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले जिलों के लिए उच्चतम ग्रेड दक्ष प्रदान किया जाता है। पीजीआई-डी में निम्नतम ग्रेड को आकांक्षा -3 कहा जाता है, जो कुल अंकों के 10 प्रतिशत तक के स्कोर के लिए है।