जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सोलर पावर के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राजस्थान सौर ऊर्जा के उत्पादन में सिरमौर है। उन्होंने कहा कि रेगिस्तानी जिलों में क्षेत्र विस्तार कर किसानों को सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। शर्मा ने सचिवालय स्थित अपने कक्ष में अक्षय ऊर्जा निगम के अधिकारियों के साथ अहम बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के जिलों में जहां किसी भी वजह से जमीन काम नहीं आ रही वहां के कृषकों को सोलर के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निजी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर कर सोलर के क्षेत्र में कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में विगत वर्षों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। उन्होंने इस मौके को पूर्णतया भुनाते हुए अधिक से अधिक सौर ऊर्जा के उत्पादन पर जोर दिया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में रिन्यूएबल एनर्जी से 18 गीगाबाइट ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। निगम का लक्ष्य 2030 तक 90 गीगाबाइट ऊर्जा उत्पादन करना है। इस दौरान पवन, हाइब्रिड, बायोमास, स्मॉल हाइड्रो सहित कई वैकल्पिक माध्यमों से प्राप्त ऊर्जा के बारे में विस्तार से बताया गया। शर्मा ने सौर ऊर्जा के साथ शहरों के लिए रूपटॉफ एनर्जी के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डिस्कॉम व निगम समन्वय से रूपटॉफ एनर्जी के बारे में प्रचार प्रसार करे और एक नीति बनाकर आमजन को रूपटॉफ एनर्जी उपलब्ध कराए। उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने रेन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन और इस्तेमाल को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।