जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार डिजिटल शिक्षा पर आधारित ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम को प्रदेश के सभी जिलों में लागू करेगी। इस संबंध में उन्होंने चिल्ड्रन्स इनवेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीईईएफ) को संशोधित प्रस्ताव पर कार्य करने के निर्देश दिए है। श्रीमती शर्मा सचिवालय स्थित अपने कक्ष में आयोजित बैठक में फाउंडेशन द्वारा संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने फाउंडेशन की गतिविधियों, उपलब्धियों व कार्यक्रमों के विस्तार संबंधी प्रस्तावों पर विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। मुख्य सचिव ने वर्तमान में प्रदेश के 6 जिलों में संचालित ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए इसे सभी जिलों में लागू करने के निर्देश दिए है। उन्होंने फाउंडेशन के प्रतिनिधियों को इस संबंध में प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए है, जिससे कार्यक्रम को शीघ्र राज्य के सभी 33 जिलों में संचालित किया जा सके। इस अवसर पर फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्य सचिव को अवगत कराया कि डिजिटल शिक्षा को बढावा देने वाला ‘मिशन बुनियाद’ कार्यक्रम भीलवाड़ा, धौलपुर, सीकर, करौली, सिरोही व उदयपुर में संचालित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आठवीं से बारहवीं तक की छात्राओं को अध्ययन करने हेतु टेबलेट दिए जा रहे है। एक रिसर्च के अनुसार टेबलेट के उपयोग करने से छात्राओं के सीखने के स्तर में 20 प्रतिशत सुधार आया है।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज में चल रहा है आयरन इंजेक्शन का ट्रायल।
मुख्य सचिव को फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन की वृद्धि करने के लिए फाउंडेशन के सहयोग से एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ट्रायल चल रहा है। इसके अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को ऑरल आयरन टेबलेट्स के स्थान पर इंजेक्शन (इंट्रावेनस) के माध्यम से आयरन दिया जा रहा है। इससे गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबिन के स्तर में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. सुधीर भंडारी ने बताया कि इंजेक्शन के माध्यम से आयरन देने से गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन के स्तर में सुधार होगा और राजस्थान एनिमिया मुक्त बनेगा।