जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कांग्रेस में व्यापक फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आगामी जुलाई माह में सत्ता और संगठन में फेरबदल की  सुगबुगाहट शुरू हो जाएगी। प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी आलाकमान सत्ता और संगठन में व्यापक फेरबदल की तैयारी में है। जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ असंतुष्ट विधायकों की नाराजगी भी दूर की जा सके और एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति तैयार की जा सके।ऐसा माना जा रहा है कि हाईकमान सचिन पायलट के पुराने वादे को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल और संगठन में व्यापक फेरबदल के साथ ही राजनीतिक नियुक्तियां देने की तैयारी की जा रही है। कमजोर परफॉर्मेंस और कुछ पुराने मंत्रियों को हटाकर संगठन की जिम्मेदारी देने की कवायद तेजी से चल रही है। इससे पहले भी उन्हें संगठन में लाए जाने की बात कही जा रही थी। लेकिन सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें नहीं हटाया। अब यह कहा जा रहा है कि बीएसपी  से कांग्रेस में शामिल हुए कुछ विधायकों को मंत्री और संसदीय सचिव बनाया जा सकता है। इसके अलावा सचिन पायलट के लोगों को मंत्री बनाए जाने की बात भी सामने आ रही है। अब यह भी कहा जा रहा है कि बाकी बची राजनीतिक नियुक्तियां भी कर दी जाएगी। मौजूदा स्थिति में तकरीबन आधा दर्जन बोर्ड-निगम और अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा विकास प्राधिकरण और यूआईटी के साथ-साथ पूर्व घोषित निगम और बोर्ड के सदस्यों की घोषणा के माध्यम से कांग्रेस नेताओं को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाएगा । राज्यसभा चुनाव और उसके बाद दिल्ली में राहुल गांधी पर ईडी की कार्रवाई के चलते तीसरी सूची को जारी होने से रोक दी गई थी। अब जुलाई माह में राजनीतिक नियुक्ति की तीसरी सूची जारी होने के प्रबल संभावना बनी हुई है। जुलाई माह में भी संगठन को मजबूत करने के लिए संगठन चुनाव के जरिए ब्लॉक और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा होगी। इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी, प्रदेश कांग्रेस और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की घोषणा भी होनी है। प्रदेश कांग्रेस में पिछले 2 साल से ब्लॉक अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के पद रिक्त चल रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर भी इन दिनों राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से सचिन पायलट के पेशेंस की तारीफ करने के बाद माना जा रहा है कि जुलाई माह में संभावित सत्ता और संगठन में बड़े फेरबदल के दौरान सचिन पायलट को भी सत्ता या संगठन में बड़ी भूमिका दी जा सकती है। प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान सचिन पायलट को बड़ी भूमिका में ला सकता है। बजट सत्र के दौरान कई वरिष्ठ विधायक सदन में सरकार को जमकर घेर चुके हैं और मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े कर चुके हैं। ऐसे में तीसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन के जरिए वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है।