जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण लोगों को अपनी सम्पति का मालिकाना हक दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए स्वामित्व योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पट्टे जारी करें। साथ ही ड्रोन की संख्या बढ़ाते हुए सर्वे में तेजी लाये। शर्मा ने शासन सचिवालय में स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्हाेंने अधिकारियों को स्वामित्व योजना को समयबद्ध रूप से पूरा करने के आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत एकत्रित नक्शों और ग्रासरूट डेटा का लाभ डिजिटल पट्टों के साथ-साथ प्रदेश में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं में भी मिलेगा। बैठक में पंचायती राज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के 8 जिलों में 2592 गांवों का ड्रोन सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में इनमें से दौसा जिले में ड्रोन सर्वे का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, जबकि शेष 7 जिलों- जैसलमेर, जयपुर, जोधपुर, पाली, बूंदी, टोंक व अजमेर में ड्रोन सर्वे का कार्य प्रगतिरत है। उन्होंने बताया कि योजना को चरणबद्ध रूप से अन्य और 7 जिलों- श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, सिरोही व जालौर में ड्रोन सर्वे प्रारंभ करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जैन ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कई लोगों के पास उनकी जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कोई भी जरूरी दस्तावेज नही है और ना ही उनका सरकारी आंकड़ों में कोई रिकार्ड दर्ज है। ऐसे लोगों को इस योजना के तहत प्रोपर्टी कार्ड के रूप में सम्पति का कानूनी दस्तावेज मिलेगा। जिससे ग्रामीण लोगों को बैंक लोन मिलने में आसानी होगी और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी समय पर मिल सकेगा। बैठक में पंचायती राज विभाग के निदेशक ओम प्रकाश कसेरा सहित सर्वे ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।