जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
भाजपा के उम्मीदवार घनश्याम तिवारी ने राज्यसभा का उम्मीदवार के रूप में और सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय भाजपा समर्थित उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र भर दिया है। घनश्याम तिवारी के प्रस्तावक के रूप में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया सहित विभिन्न विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं ।भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने भी अपना नामांकन भर दिया है। 
उनके प्रस्तावक के रूप में भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़,वासुदेव देवनानी सहित 30 विधायकों ने उनका समर्थन किया है। नामांकन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुभाष चंद्र ने कहा कि मैं भाजपा समर्थित निर्दलीय विधायक हूं और निर्दलीयों के पूछने के बाद ही मैंने राज्यसभा का उम्मीदवार का नामांकन भरा है।
 उन्होंने कहा कि मैं मूल रूप से शेखावटी फतेहपुर के रहने वाला हूं और आज भी फतेहपुर में हमारा मकान और मंदिर है परिवार के लोग वहां पर रहते हैं मैं भी साल में दो या तीन बार अपने परिवार के बीच आता रहता हूं। उन्होंने कहा कि उनके लिए राजस्थान नया नहीं है मैं यहां के विकास के लिए काम करूंगा । उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि निर्दलीयों के कहने पर ही मैंने नामांकन भरा है और आने वाले समय में यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनके पास जीत के लिए पर्याप्त निर्दलीय और अन्य दलों के विधायक हैं। 
उन्होंने भाजपा के विधायकों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मैं उनके समर्थन का आभारी हूं जिन्होंने मेरे ऊपर विश्वास व्यक्त किया है। उनका कहना था वे राज्यसभा में राजस्थान का नेतृत्व करेंगे और यहां की मूल समस्याओं को रखने का भरपूर प्रयास करेंगे। नामांकन भरने के बाद सुभाष चंद्रा भाजपा के प्रदेश कार्यालय भी गए वहां उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया से मुलाकात की और चुनाव की आगामी रणनीति पर बातचीत की। सुभाष चंद्रा को भाजपा के अलावा जीत के लिए 11 विधायकों की और जरूरत पड़ेगी। ऐसा माना जा रहा है कि सुभाष चंद्रा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायकों का समर्थन प्राप्त कर लेंगे। इसके बाद उन्हें 8 विधायकों की और जरूरत पड़ेगी। सुभाष चंद्रा के नामांकन के बाद से ही कांग्रेस में हड़कंप मच गया है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्दलीय और माकपा तथा बीटीपी के 2 विधायकों से संपर्क करने की कवायद शुरू कर दी है। सोमवार को अपने निवास पर विधायकों की बैठक बुलाए जाने के समय कई निर्दलीय विधायक उस बैठक में नहीं आए उन्होंने उन विधायकों से टेलीफोन पर संपर्क साधने के भरपूर प्रयास किए। यह माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायक के साथ-साथ निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों की बाड़े बंदी शुरू कर दी जाएगी।भाजपा के पास 71 विधायकों के वोट हैं और पार्टी यह मान कर चल रही है कि अन्य दलों और निर्दलीयों के आठ वोट उसे मिल जाएंगे। दो प्रत्याशियों की जीत के लिए भाजपा को कुल 82 विधायकों के वोट चाहिए। अब तक की भाजपा की समीक्षा के अनुसार उसके पास 79 वोट हैं। सुभाष चन्द्रा और घनश्याम तिवाडी को जिताने के लिए उसे तीन और विधायकों के वोटों की जरूरत पडेगी। पार्टी ने निर्दलीयों को साधने के लिए गुलाब चंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड, डॉ.सतीश पूनिया समेत अन्य नेताओं को मैदान में उतार दिया है। दो केन्द्रीय मंत्री आदिवासी विधायकोें से बातचीत करने में लगे हुए है।