जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन से प्रदेशवासियों को जल और विद्युत आपूर्ति में कमी नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश के गांव-ढाणी तक जल पहुंचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेयजल उपलब्धता को लेकर आमजन को कोई परेशानी न हो और अंतिम छोर तक पेयजल उपलब्ध हो।  सीएम गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर ऊर्जा, पीएचईडी, आपदा प्रबंधन एवं सहायता, मनरेगा और गोपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल और विद्युत आपूर्ति के लिए उच्चाधिकारी क्षेत्रों में दौरे कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें। जनता से संवाद कर उनकी समस्याएं मौके पर निस्तारित करें। सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसी भी जिले में पेयजल की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जलदाय अधिकारी स्थानीय मांग अनुसार टैंकरों से जल आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। नए हैंडपंप खुदाई एवं पुरानों की मरम्मत का काम भी शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल सप्लाई के समय विद्युत कटौती नहीं होनी चाहिए। जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए कि वे जिलों में पेयजल की अतिरिक्त आवश्यकता का आकलन करते हुए आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। सीएम गहलोत ने कहा कि सभी जिला कलक्टर्स को कंटीजेन्सी कार्याें के लिए 50-50 लाख रूपए उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि आकस्मिक आवश्यकताओं को देखते हुए हैण्डपंप मरम्मत, टैंकरों से जल आपूर्ति, नए नलकूप खोदने आदि कार्य तत्काल किए जा सकें। यह राशि खर्च होने पर आवश्यकतानुसार और राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जैसलमेर, फलौदी जैसे क्षेत्रों में पानी पहुंचाना बड़ी चुनौती है, इसलिए ऎसे क्षेत्रों में टैंकरों की संख्या और बढ़ाई जाए। पानी की चोरी रोकने के लिए नियमित पेट्रोलिंग सुनिश्चित करें। सीएम गहलोत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) श्रमिकों को तेज गर्मी से राहत देने के लिए कार्य समय सुबह 6 बजे से करने के लिए जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए। सीएम गहलोत ने कहा कि पशुधन के लिए चारे के परिवहन को आसान बनाया जाए, ताकि पशुपालकों को आसानी से चारा उपलब्ध हो सके। जहां भी चारे का अनुचित भंडारण मिले, उन पर कार्रवाई करते हुए चारे को गौशालाओं में भेजा जाए।  कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जमाखोरों के खिलाफ उचित कार्रवाई कर अधिकारी पशुपालकों और गौशालााओं को चारे की आपूर्ति सुनिश्चित करें। गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि प्रदेश में चारे के अवैध संग्रहण को रोकने के लिए विभाग द्वारा प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि विभाग आगामी महीनों में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर प्रभावी जल प्रबंधन एवं आपूर्ति के लिए विधायकगणों से सुझाव लिए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्द राम मेघवाल ने कहा कि चारे का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को निःशुल्क बीज वितरित किए जाएं।पंचायती राज विभाग मंत्री रमेश चंद मीणा, सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया एवं ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी सुझाव दिए। मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा ने कहा कि अधिकारी दूसरे राज्यों से प्रदेश में चारा लेकर आ रहे वाहनों को सुगमता से प्रदेश में प्रवेश कराने की व्यवस्था करें। उन्होंने बताया कि सभी जिला कलक्टर्स ने जल आपूर्ति के लिए समुचित तैयारी कर ली है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जलदाय विभाग सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव वित्त  अखिल अरोड़ा, रीको अध्यक्ष  कुलदीप रांका, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा भास्कर ए सावंत, पंचायती राज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन, आपदा प्रबंधन विभाग के शासन सचिव  आशुतोष ए.टी. पेडनेकर, ईजीएस आयुक्त श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार, संयुक्त सचिव जलदाय विभाग प्रताप सिंह सहित संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर भी उपस्थित थे।