जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
भाजपा विधायक दल के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर बिजली खरीद को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय में बिजली संकट को लेकर सरकार को जमकर घेरा और कई आरोप जड़े। राठौड़ ने कहा कि रखरखाव के नाम पर ऐसी भीषण गर्मी में बिजली प्लांट बंद कर दिए गए। इसके पीछे सरकार की खराब नीयत है। उन्होंने कहा कि सरकार महंगे दामों में बिजली खरीद रही है और इसमें जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। भाजपा विधायक दल के उप नेता राठौड़ ने कहा कि सरकार पांच रूपए से 17 रूपए तक बिजली खरीद रही हैं। कांग्रेस सरकार ये सब भार उपभोक्ताओं पर डालेगी। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि राजस्थान जैसे गर्म प्रदेश में विंड और सोलर एनर्जी पर काम नहीं कर रही हैं। सरकार और ऐसी बिजली पैदा करने वाली कंपनियों के अनुबंध रद्द कर रही हैं। सरकार की नीतियां गलत है। सोलर और विंड एनर्जी का उपयोग कहां जा रहा है। आज सरकार की रुचि सिर्फ बिजली खरीदने में रह गई हैं ताकि चांदी कूटी जा सके। वहीं सीएम गहलोत खुद को बचाने के लिए कह रहे हैं कि केन्द्र सरकार कोयला नहीं दे रहा हैं। कोयले की कंपनियों का बकाया चल रहा है, सरकार इनका बकाया राशि नहीं दे रही है। लोगों के बिजली कनेक्शन बकाया चल रहे हैं।उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत ने तो बिजली सरप्लस के सपने दिखाए थे। अब महंगी खरीद से भ्रष्टाचार किया जा रहा है। आम जनता गर्मी में परेशान हो रही हैं।सरकार के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में जनता को सर्वाधिक महंगी बिजली मिल रही है। उद्योगों को बिजली नहीं मिल रही हैं। सरकार किसान को दिन में तारे दिखा रही हैं। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सरकार कहती हैं कि हमारे पास 18 हजार मेगावाट बिजली तो फिर 13 हजार मेगावाट पर ही हालत क्यों खराब हो गए। बिजली प्लांटों को जानबूझकर बंद किए गए