जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर में बिजली विभाग के कार्मिकों के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में धौलपुर के पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा का तबादला कर दिया गया है। साथ ही, उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों की अतिशीघ्र पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। गहलोत ने  मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्तव्य निर्वहन कर रहे राजकीय कार्मिकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े राजकीय कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगाकर प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे कार्मिकों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली आपूर्ति जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े कार्मिकों का दायित्व अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है। राज्य सरकार अपने कर्मठ अधिकारियों-कर्मचारियों को पूरा संरक्षण देगी। ऐसी घटनाओं के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। बैठक में पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि प्रकरण में लापरवाही बरतने एवं त्वरित कार्रवाई नहीं करने पर बाड़ी के एसएचओ एवं वृत्ताधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। बैठक में गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।उल्लेखनीय है कि प्रकरण में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने एवं उचित कार्रवाई की मांग को लेकर वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने गहलोत से मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मामले में कानून के तहत हर संभव कार्रवाई कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।