जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
पांच राज्यों में चुनाव के बाद परिणाम आने से पहले संभावित जिताऊ प्रत्याशियों की राजस्थान में बाड़े बंदी की जा सकती है। इसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रविवार को दिल्ली दौरे के दौरान आलाकमान से चर्चा भी हुई है। दरअसल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस के विधायक उम्मीदवारों की राजस्थान में बाड़ेबंदी की जा सकती है। इन विधायक उम्मीदवारों को नतीजों से पहले ही राजस्थान शिफ्ट करने की रणनीति तैयार की जा रही है। 
इसके लिए रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पहुंचे। यहां सीएम गहलोत की राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद रहे।राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ हुई इस बैठक में 5 राज्यों के चुनावों के बाद की रणनीति पर चर्चा हुई।
 चुनाव नतीजों से पहले बाड़ेबंदी को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ। बाड़ेबंदी का जिम्मा सीएम गहलोत ने लेने की पेशकश की। 10 मार्च से पहले ही राजस्थान में तीन से चार राज्यों के विधायक उम्मीदवारों को लाया जा सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से मुताबिक होते हुए कहा कि शिष्टाचार मुलाकात हुई है। हमने समय मांगा था मिल गया। 5 राज्यों के चुनाव के बाद आगे क्या करना है, इस पर चर्चा हुई है। पार्टी के संगठन चुनाव और सदस्यता अभियान पर भी बात हुई। आज केंद्र की सत्ता में बैठे लोगों का लोकतंत्र में यकीन नहीं है। आगे कांग्रेस ही विपक्ष में झंडा बुलंद कर सकती है। हम पदों पर बैठे सब लोगों की यह ड्यूटी है कि कांग्रेस के लिए क्या योगदान दे सकते हैं।राहुल गांधी के साथ बैठक में राजस्थान की छत्तीसगढ़ में आवंटित कोल माइंस को मंजूरी नहीं मिलने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। प्रदेश की कोल माइंस को केंद्र सरकार मंजूरी दे चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार की कई तरह की मंजूरियां नहीं मिलने से राजस्थान के पावर प्लांट्स में कोयला संकट आ रहा है। जल्द मंजूरी नहीं मिलने पर कोयला संकट गहरा सकता है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि छत्तीसगढ़ सीएम इस मामले में क्या रुख है इसका स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। गहलोत और बघेल दोनों ही कोल माइंस का सवाल बहुत टाल गए और कुछ नहीं कहा कि उन्होंने क्या कुछ निर्णय किया है।