सपोटरा विनोद कुमार जांगिड़।
करौली जिले के उपखंड सपोटरा के प्रमुख कालीसिल बांध की नहरों को पक्का करने के लिए सरकार द्वारा 2018 में स्वीकृत 18 करोड़ की राशि का दुरुपयोग कर ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में लीपापोती करने एवं अनियमितता बरतने को लेकर ग्राम पंचायत अमरगढ़ के पूर्व सरपंच अशोक सिंह बना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायती पत्र भेजा है। जिसमें कालीसिल बांध के ठेकेदार द्वारा किए गए घटिया निर्माण एवं कार्य में की गई लीपापोती की शिकायत करते हुए पूर्व में की गई शिकायत के बारे में प्रार्थी को कोई सूचना नहीं देने को लेकर ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई है। पूर्व सरपंच अशोक सिंह बना ने बताया कि सपोटरा क्षेत्र का प्रमुख कालीसिल बांध की नहरों को पक्का करने के लिए 18 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। जिसमें अमरगढ़ माइनर, खानपुर माइनर, जोड़ली माइनर, जाखोदा माइनर सहित मुख्य नहर का कार्य होना था। इसके साथ ही वर्ष 2019 में कालीसिल बांध की पाल के लिए करीबन दो तीन करोड़ रुपये का कार्य भी स्वीकृत हुआ था। लेकिन कालीसिल बांध की मुख्य नहर पर ठेकेदार द्वारा सरकार के एवं विभाग के तय मापदंड व नियमानुसार कार्य नहीं किया गया है। पूर्व सरपंच ने ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य करते हुए सभी कार्यों में लाल मिट्टी रेता द्वारा कार्य किया गया है।सरकार द्वारा तय मापदंड के अनुसार ठेकेदार द्वारा कार्य नहीं करके नहर को पक्की करने में मोटाई कम कर दी गई है। यह कार्य मशीनों द्वारा होना था लेकिन ठेकेदार ने मनमानी पूर्वक यह कार्य मजदूरों से पूर्ण करवाया है और कालीसिल बांध की पाल पर मिट्टी व रास्ते पर मोरम डालने का कार्य होना था। लेकिन ठेकेदार द्वारा बांध की पाल से ही मिट्टी खोदकर कार्य में खानापूर्ति कर दी गई। जबकि चैन 1 से 70 पर बांध की पाल पर 24 इंच मिट्टी डालने का कार्य होना था। लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 2 इंच मिट्टी ही डालने का कार्य किया गया है।कालीसिल बांध की पाल की करीबन लंबाई 8000 फीट के करीब है। लेकिन ठेकेदार ने कार्य में अनियमितता करने के साथ ही करीबन 4000 फीट तक तो 1 इंच भी मिट्टी नहीं डाली है। बांध की पाल के रास्ते पर मोरम डालने का कार्य होना था। लेकिन ठेकेदार द्वारा एक ट्रॉली भी मोरम नहीं डाली गई और सिर्फ 40-50 ट्रॉली गिट्टी बांध की पाल पर स्थित पहाड़ से निकालकर डालने का कार्य किया गया है। जिससे बांध की दीवार और कमजोर हो गई है। वर्ष 2021 में बांध के पूरा भर जाने तथा बारिश अधिक होने पर दिनांक 3 अगस्त 2021 को बड़ी मुश्किल से कालीसिल बांध टूटने से बचा था। जिसकी सूचना तत्कालीन जिला कलेक्टर करौली को 3 अगस्त 2021 को समय रात्रि करीबन 8:00 दूरभाष पर दी गई थी। पूर्व सरपंच अशोक सिंह बना ने बताया कि ठेकेदार द्वारा भारी भ्रष्टाचार करते हुए घटिया निर्माण कार्य करने के साथ अनियमितता बरती गई है और ठेकेदार द्वारा 70% राशि का भुगतान उठा लिया गया है। जबकि लूज मिट्टी पर सीसी कर दी गई। जिससे फर्में पूर्णतया टूट गए हैं, डिजाइन व थिकनेस पूर्णतया सही नहीं है। सभी कार्यों में लगभग 80% लाल मिट्टी बजरी द्वारा कार्य किया गया है। मिट्टी पर सीमेंट का उपयोग नाम मात्र के लिए किया गया है। ओ पी पी सीमेंट की जगह पी पी सीमेंट का उपयोग किया गया है। सीसी करते समय लेवल का ध्यान नहीं रखा गया है। जिससे फर्में ऊंचे नीचे है और बांध व नहर की पाल पर मोरम अभी तक नहीं डाली गई है। पूर्व सरपंच ने शिकायती पत्र में लिखा है कि अमरगढ़ नहर के कोठे तक (बांध के अंदर) वर्ष 2020 में पक्की नाली का निर्माण कराया था। जिसमें कार्य पूर्णता अधूरा है। कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया ऐसा कार्य किया गया जिससे किसान भाइयों को कोई लाभ नहीं मिला है। दिनांक 21 अक्टूबर 2020 को पूर्व में घटिया कार्य को लेकर शिकायत करते हुए सूचना मांगी थी। लेकिन आज दिनांक तक शिकायतकर्ता को किसी प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं करवाई है और ना ही जांच के लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बुलाया गया है। जबकि शिकायतकर्ता को जानकारी मिली है कि उक्त शिकायत की जांच हो चुकी है।कालीसिल बांध का ठेकेदार शिकायतकर्ता से कहता है कि ठेकेदार की ऊपर तक पहुंच हैं। आपकी शिकायत का कुछ भी नहीं होने वाला है ना मेरा कोई कुछ बिगाड़ सकता है। शिकायतकर्ता ने सरकार से मांग है कि ऐसे ठेकेदार को सरकार द्वारा ब्लैक लिस्ट घोषित करते हुए नियमानुसार कार्रवाई की जावे। एवं प्रार्थी को अवगत कराया जावे एवं जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करवाई जावे।