जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जैन आचार्य महाश्रमणजी गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धर्मपत्नी सुनीता गहलोत के साथ आचार्य की अगवानी की और उन्हें नमन कर आशीर्वाद लिया। गहलोत ने आचार्य से आध्यात्मिक चर्चा करने के साथ ही देश-दुनिया में अहिंसा, शांति, सौहार्द और सदभाव जैसे नैतिक मूल्यों के प्रसार और युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने उनसे इन विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने आचार्य महाश्रमण से चर्चा के दौरान कहा कि राज्य में सदभाव, अहिंसा एवं भाईचारा बना रहे, इसके लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। इन्ही सिद्धांतों के अनुरूप प्रदेश में शांति एवं अहिंसा निदेशालय की स्थापना की गई है। आपको बता दें, कि आचार्य महाश्रमण अपनी अहिंसा यात्रा पर नेपाल, भूटान और देश के कई राज्यों से होते हुए जयपुर पहुंचे हैं। वे अब तक करीब 51 हजार किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर चुके हैं। यात्रा के माध्यम से नशामुक्ति, सदभावना और नैतिकता का संदेश दिया जा रहा है। अब तक इस यात्रा के माध्यम से आचार्य श्री ने करीब एक करोड़ लोगों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाया है। इस अवसर पर आचार्य के साथ अन्य सहवर्ती संत, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महासभा एवं तेरापंथ युवक परिषद सहित श्वेताम्बर तेरापंथ समाज की अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी, सदस्य तथा श्रद्धालु भी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे।