झालावाड़ से हरिमोहन चोडॉवत।
झालावाड़ जिले के झालरापाटन निवासी एक दंपत्ति के लिए गुरूवार का दिन जीवन का सबसे खुशी देने वाला पल समय रहा । जब झालावाड़ जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने महिला खैरुन्निसा को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपा। महिला खैरुन्निसा को शादी के 32 वर्ष बाद भारतीय नागरिकता मिली है। ऐसे में नागरिकता प्रमाण पत्र मिलते ही महिला ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद उसने जंग जीत ली, अब वह पूरा इंडिया घूमेगी। आंखों में खुशी की चमक के साथ महिला खैरुन्निसा ने बताया कि वह कराची पाकिस्तान की निवासी थी और 32 वर्ष पूर्व 1987 में उसकी शादी बुरहानुद्दीन से झालरापाटन में हुई थी। जिसके बाद से ही उसके पति बुरहानुद्दीन उसे लगातार भारतीय नागरिकता दिलाने का प्रयास कर रहे थे। मगर नागरिकता नहीं मिलने से हर 2 वर्ष में लॉन्ग टर्म वीजा लेना पड़ता था। लेकिन भारतीय नागरिकता नहीं होने के कारण वे झालरापाटन अथवा झालावाड़ जिले के बाहर यात्रा ही नहीं कर पाती थी। कहीं भी जाने कि उन्हें अनुमति नहीं थी। ऐसे में बीते 32 वर्ष उन्होंने झालावाड़ जिले में ही बिताए, लेकिन पति बुरहानुद्दीन के अथक प्रयासों के बाद अब उन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है। ऐसा लग रहा है कि जैसे उन्होंने जंग जीत ली। 32 वर्ष बाद आज उन्हें आजादी मिली है। अब वे अपने पति के साथ पुरा इंडिया घूमेंगी।उधर के खेरुन्निसा के पति बुरहानुद्दीन भी लंबे प्रयासों के बाद मिली सफलता पर काफी खुश है। उन्होंने बताया कि पत्नी को भारतीय नागरिकता नहीं मिलने के कारण उन्हें कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था। कई बार सरकारी इंक्वायरीयो के कारण पुलिस कार्यालयों के भी चक्कर लगाने पड़ते थे। पत्नी को झालरापाटन से कहीं बाहर ले जाने के लिए कई कागजी कार्रवाइयों को पूरा कर अनुमति लेनी होती थी, जिस कारण वह पत्नी को कहीं घूमा भी नहीं पाए।
वर्ष 2012 में नागरिकता हेतु आवेदन मांगे गए थे। जिसके बाद कई दस्तावेजों को पेश कर लंबी प्रक्रिया पूरी हुई और आखिर आज सफलता मिली और पत्नी खैरुन्निसा को भारतीय नागरिकता मिल गई। यह उनके परिवार के लिए खुशी का सबसे बड़ा पल है। उधर गृह मंत्रालय द्वारा जारी भारतीय नागरिकता सौंपने के बाद जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने कहा कि चूंकि महिला पाकिस्तान की निवासी थी और 32 वर्ष पूर्व झालरापाटन में इसकी शादी हुई थी। जिसके बाद दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गृह मंत्रालय ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 (1) के आधार पर अब खेरुन्निसा को भारतीय नागरिकता दे दी है। आज उनके द्वारा भारतीय नागरिकता पत्र महिला को सौंप दिया गया। लंबे समय से अटका यह कार्य पूरा हुआ है, तो लाभार्थी व प्रशासन दोनों को ही खुशी हुई है।