जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

नागौर की कोर्ट ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के कथित कर्मचारी राम सिंह के खिलाफ अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में प्रसंज्ञान लेकर गैर जमानती वारंट से तलब किया है। कोर्ट ने यह आदेश पुलिस एफ आर को नामंजूर करते हुए दिए। 

मृतका के पिता हड़माना राम माली के एडवोकेट पूनमचंद भंडारी ने बताया कि मूंडवा निवासी हड़माना राम माली बेटी की शादी राम सिंह माली पुत्र नेमा राम निवासी कुचेरा के साथ हुई थी। राम सिंह दहेज में गाड़ी और पैसे की मांग कर रहा था। 28 जनवरी 2019 को राम सिंह  सोची समझी साजिश के तहत विमला को नागौर से ले गया और वापस कुचेरा आ रहा था। रास्ते में उसने गाड़ी को बड़ी माता मंदिर के पास रोकी। उसमें आग लग गई थी और उसने गाड़ी से बाहर निकल कर बाद में लड़की को  निकाला और अस्पताल ले गया था। घटना के  छह दिन बाद लड़की की अस्पताल में ही मौत हो गई थी। 

इस पर मृतका के पिता हडमाना राम ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया लेकिन, राम सिंह कथित रूप से हनुमान बेनीवाल का कर्मचारी था और प्रभाव के कारण पुलिस ने जांच करके मुकदमे में एफआर दे दी थी।  इसके बाद परिवादी हडमाना राम ने एफआर को चुनौती दी। कोर्ट को बताया कि साजिश रच कर राम सिंह ने पत्नी को जलाकर हत्या की है । उसने खुद का पचास लाख और पत्नी का तीस लाख रुपयों का दुर्घटना का बीमा करवाया था। बीमा रकम लेने के लिए उसने इस प्रकार से हत्या की जिससे लगे कि वो कार में एक्सीडेंट से आग लगने से जलकर मर गई। 

कोर्ट ने मामले में पुलिस को अग्रिम जांच के आदेश दिए लेकिन,पुलिस ने फिर से एफआर लगा दी। इसके बाद भी पुलिस ने बेनीवाल के प्रभाव में आकर वापस फाइनल रिपोर्ट दे दी। इस एफ आर को भी चुनौती दी गई और एडवोकेट भंडारी ने कोर्ट को बताया कि पुलिस की मिलीभगत है इसलिए वह बार-बार एफआर दे रही है  एफएसएल जांच में आया है कि मृतका जिस सीट पर बैठी थी, उसके नीचे मिट्टी में ज्वलनशील पदार्थ पाया गया।  कार का मेकेनिकल मुआयना हुआ था उसमें यह रिपोर्ट आई थी कि कोई शॉर्टसर्किट नहीं हुआ है और ना ऑयल लीकेज हुआ है। इसलिए आग लगने का कारण नहीं बताया जा सकता। एफएसएल में जो मिट्टी मृतका की सीट के नीचे से जांच की गई थी उसमें ज्वलनशील पदार्थ पाया गया था। इसलिए यह स्पष्ट है कि ज्वलनशील पदार्थ मृतका के सीट के नीचे रखा गया था और उसमें गर्म हो कर आग लग गई और लड़की जल गई ।  रास्ते में आरोपी राम सिंह ने जानबूझकर गाड़ी रोककर मृतका के सीट बेल्ट लगायी थी और कार के गेट को लॉक कर रखा था जो उसने आग लगने पर नहीं खोला और ना ही फौरन कार नहीं रोकी।  बल्कि कुछ आगे जाकर मोड़ कर कार रोकी। तब तक लड़की जलती रही। उसके बाद काफी लोग अपने घर से वहां आगए तब कार से उतर कर कार का गेट खोला ताकि वह जलती रहे।  बाद में ड्राइवर साइड से बाहर निकाला। 

अस्पताल में विमला ने अपने परिवार को बताया कि रामसिंह ने रास्ते में रोककर के सीट बेल्ट लगाई थी।पुलिस ने जानबूझकर परिवादिया के धारा 161 व धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत बयान नहीं करवाए। पुलिस ने जांच में लापरवाही की है। अभियुक्त कहां कहां गया। वहां के फुटेज नहीं लिए और ना ही मोबाइल से फोटो लिए बल्कि एफएसएल की रिपोर्ट यह आई कि मोबाइल से फोटो निकालना संभव नहीं है। इसके अलावा पुलिस ने उस मोबाइल को जांच के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक लैब में नहीं भेजा। अभियुक्त ने अपना और पत्नी का मोटर दुर्घटना बीमा करवाया था। उसका उद्देश्य ये ही था कि पत्नी को मार कर बीमा से 3000000 रूपए प्राप्त कर सके जबकि उसकी इतनी आमदनी नहीं थी कि वह स्वयं का 5000000 रुपए का और पत्नी का तीस लाख रुपए का बीमा करवा सकता था। और यह बीमा भी मृत्यु के 5 महीने पहले करवाया था। एक बात और महत्वपूर्ण थी कि नोमिनी में पत्नी के अलावा पिता का नाम बाद में जुड़वाया ।

कोर्ट ने 17 नवंबर के आदेश में  प्रथम दृष्टया पाया है कि राम सिंह ने पत्नी की जलाकर हत्या की है। कोर्ट ने आरोपी राम सिंह के खिलाफ हत्या के आरोप में प्रसंज्ञान लेकर गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी 2022 को होगी।