उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

राजस्थान की दो विधानसभा सीटों पर शनिवार को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ। वल्लभनगर में 71.45 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया तो धरियावद में 69.38 प्रतिशत मतदान हुआ। दोनों जगह कुल 70.41 प्रतिशत मतदान हुआ। उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है. परिणाम 2 नवंबर को आएगा।

दरअसल प्रतापगढ़ जिले की धरियावद विधानसभा सीट और उदयपुर जिले की वल्लभनगर विधानसभा सीट के लिए कुल 70.41 प्रतिशत मतदान हुआ। दोनों ही सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। हालांकि जनता सेना, आरएलपी और निर्दलीय भी इन सीटों पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। धरियावद और वल्लभनगर में सुबह 7 बजे से आरंभ हुआ मतदान शाम 6 बजे तक चला। वल्लभनगर में कांग्रेस से प्रीति शक्तावत, बीजेपी से हिम्मत सिंह झाला, आरएलपी से उदयलाल डांगी और जनता सेना से रणधीर सिंह भींडर प्रत्याशी हैं। वहीं धरियावद में बीजेपी से खेतसिंह मीणा और कांग्रेस से नगराज मीणा उम्मीदवार हैं।

वल्लभनगर विधानसभा सीट बनी हॉट सीट।

उदयपुर की वल्लभनगर सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला है। यहां भाजपा, कांग्रेस और जनता सेना के अलावा आरएलपी भी मैदान में है। वल्लभनगर में कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला 4 प्रत्याशियों के बीच है।

वल्लभनगर मे कांग्रेस मजबूत।

यह सीट कांग्रेस के पायलट कैंप के माने जाने वाले विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद खाली हुई थी। कांग्रेस ने गजेंद्र की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया।  प्रीति शक्तावत को सिम्पैथी वोट मिलने की भारी गुंजाइश के कारण कांग्रेस इस सीट पर जीत तय मान रही है। सीएम गहलोत और सचिन पायलट दोनों इस सीट पर प्रचार कर चुके हैं। भाजपा ने प्रीति शक्तावत के सामने युवा नेता हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा है। झाला के टिकट को लेकर भी बवाल मचा। इस सीट पर गुलाबचंद कटारिया के मनचाहे उम्मीदवार को टिकट नहीं देकर पार्टी ने झाला को टिकट दिया। पहले यहां जनता सेना के संयोजक रणधीर सिंह भींडर की पत्नी को टिकट दिये जाने की बात थी, लेकिन कटारिया अड़ गए। भाजपा के बागी उदयलाल डांगी यहां से टिकट चाह रहे थे। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो बागी होकर आरएलपी से जुड़ गए। हनुमान बेनीवाल ने उन पर दांव खेला। हालांकि उनकी जीत की राह मुश्किल है। लेकिन डांगी समीकरण जरूर बिगाड़ सकते हैं।

धरियावद विधानसभा सीट पर मुकाबला।

प्रतापगढ़ जिले की धरियावद विधानसभा सीट एसटी के लिए आरक्षित सीट है। भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा के निधन के बाद 10 महीने से यह सीट खाली है। धरियावद से भाजपा और कांग्रेस के अलावा 7 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। इस सीट पर भाजपा कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होगा, लेकिन बीटीपी और निर्दलीय प्रत्याशी भी पूरा जोर लगा रहे हैं। भाजपा विधायक गौतमलाल मीणा के बेटे कन्हैया लाल मीणा को पार्टी की तरफ से टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन पार्टी ने कन्हैया लाल को टिकट नहीं दिया। हालांकि कन्हैया लाल को संगठन में जिम्मेदारी देकर मना लिया गया, लेकिन उनके समर्थकों में टिकट न मिलने का मलाल है। टिकट का एलान हुआ तो कन्हैया लाल के निवास लड़ासिया में उनके समर्थक जुट गए थे। मुख्यमंत्री गहलोत भी गौतमलाल मीणा के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे जिस पार राजनीति गर्मा गई थी। भाजपा ने खेत सिंह मीणा पर दांव खेला है। खेत सिंह प्रतापगढ़ अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला प्रमुख हैं। इधर कांग्रेस ने धरियावद से नगराज मीणा को मैदान में उतारा है। नगराज इस सीट पर 3 बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि नगराज को सिम्पैथी वोट मिलेगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार होने का भी फायदा मिलेगा। साथ ही भाजपा अगर कन्हैया लाल को टिकट देती तो शायद सिम्पैथी वोट कन्हैया लाल को मिलता। अब कांग्रेस का दावा है कि नगराज यह सीट निकाल लेंगे।फिलहाल परिणाम के लिए 2 नवंबर तक इंतजार करना होगा।