जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

राजस्थान कौशल विकास एवं आजीविका विकास निगम मे रिश्वत प्रकरण में एसीबी ने आरएसएलडीसी चेयरमैन आईएएस नीरज के पवन के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एसीबी ने गुरुवार  को पवन को मुख्यालय में बुलाकर करीब एक घंटे तक पूछताछ की। एसीबी ने फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने और हटाने के बाद भी टेंडर देने की प्रक्रिया को लेकर सवाल-जवाब किए तो उन्होंने काफी सवालों के जवाब नहीं दिए। पवन को जब्त दोनों मोबाइलों के लॉक खोलने को कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। अब उन्हें आगे भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि आईएएस नीरज के पवन को गुरुवार को एसीबी के मुख्यालय बुलाया गया। उनसे पूरे प्रकरण को लेकर पूछताछ की । उनसे फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने की फाइलों, फंड जारी करने, फर्मों के टेंडर, बिलों के भुगतान से लेकर सीज हुई पत्रावलियों को लेकर जानकारी मांगी गई। उन्होंने जांच अधिकारी को कई सवालों के जवाब नहीं दिए। एसीबी ने उन सवालों के जवाब भी मांगे जो आईएएस प्रदीप गावंडे से किए गए थे। दोनों के जवाबों का अब मिलान किया जाएगा। आईएएस नीरज के पवन के दो मोबाइलों को एसीबी ने कार्रवाई के दौरान जब्त किया था। दोनों मोबाइलों को फॉरेंसिक साइंस लेब्रोरेटी लैब में भेज दिया है। मोबाइलों का रिकॉर्ड आने के बाद फिर से उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। आरएस एलडीसी में एसीबी ने मैनेजर राहुल गर्ग व कोर्डिनेटर अशोक सांगवान के साथ चार लोगों को 5 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। आईएएस नीरज के पवन  और प्रदीप गावंडे के मोबाइल भी जब्त किए थे। इनके कमरे भी सील कर दिए गए थे।एसीबी को शिकायत मिली थी कि उसकी फर्म ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना में काम के 1.50 करोड़ रुपए के बिल पेडिंग है। उनसे बिल पास करने, फर्म को ब्लैक लिस्ट से हटाने, एक्सटेंशन एवं बैंक गारंटी जब्त नहीं करने की एवज में 6 लाख रुपए रिश्वत मांगी जा रही है। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने अधिकारियों के फोन सर्विलांस पर ले लिए थे। फिर ट्रैप की कार्रवाई की गई।