है मकां बदतरीन रहने दो

मुझको मुझमें मकीन रहने दो


हमकलामी तुम्हें बना देगी

बस ये बनना ज़हीन रहने दो


छोड़ दो इश्क़ में गणित सारा

अब तो ये ईन-मीन रहने दो


दोस्तों से मिलो गले जब भी

अपनी ये आस्तीन रहने दो


शे'र कहते हो ख़ूब अच्छे पर

ये पुरानी ज़मीन रहने दो


मत धकेलो मुझे गुमां की तरफ़

"मुझमें मेरा यक़ीन रहने दो"


ये नहीं साँप ये तो 'साहिल' है

तुम ये लहरों की बीन रहने दो

©️✍️ लोकेश कुमार सिंह 'साहिल'