ब्यूरो रिपोर्ट।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा भर्ती परीक्षा 2018 के साक्षात्कार में ज्यादा अंक हासिल करने के लिए दिया गया रिश्वत का ऑफर अभ्यर्थी हरीश चौधरी के लिए भारी पड़ सकता है। इस परीक्षा में 116 वी रैंक लाने वाले बाड़मेर निवासी हरीश की ओर से आरएएस साक्षात्कार में 70 से 75 अंक दिलाने के बदले बिचौलियों की मदद से 20 लाख रुपए रिश्वत देने का ऑफर दिया गया था। अब तक एसीबी जांच मे सामने आया है कि यह राशि ऊपर तक नहीं पहुंची और साक्षात्कार में उसे 54 अंक ही मिले। अब यदि एसीबी जांच के दौरान यह पुख्ता हो जाता है और पूरे ठोस सबूत भी मिल जाते हैं तो अभ्यर्थी हरीश को आयोग के एक्ट नियमों के अनुसार डीबार किया जा सकता है। इसके तहत चयन रद्द हो सकता है और हमेशा के लिए अयोग्य घोषित करने का निर्णय भी लिया जा सकता है।  एसीबी की जांच रिपोर्ट में पुख्ता प्रमाण मिले तो आयोग का फुल कमीशन कार्यवाही का निर्धारण करेगा। उधर कार्मिक विभाग अब सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांचेगा और यदि कोई आपराधिक मामला दर्ज पाया गया तो सम्बंधित अभ्यर्थी का चयन रद्द किया जा सकता है। आपको बता दें कि बाड़मेर निवासी हरीश चौधरी का चयन आरएएस परीक्षा में हुआ था। साक्षात्कार में 70% से अधिक अंक लाने के लिए उसके चाचा ठाकराराम ने अपने जानकार और बायतु के सरकारी स्कूल के प्राचार्य जोगाराम से संपर्क किया। जोगाराम ने अपने मिलने वाले किशनाराम की आरपीएससी में जान पहचान होने और 70% अंक दिलाने का भरोसा दिलाया था। इसके बदले में किसनाराम को 20 लाख रुपए दिए गए थे। हालांकि यह रकम ऊपर तक नहीं पहुंची और हरीश चौधरी को साक्षात्कार में 54 अंक ही मिले। फिलहाल आरोपी एसीबी की रिमांड पर है। एसीबी उनसे हुई पूछताछ के बाद ही इस मामले का पूरा खुलासा करेगी