जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट

सावन का महीना और रिमझिम की फुहार ऐसे में शहनाई के मादक स्वरों से कजरी के दर्दिले स्वरों ने सभी को सम्मोहित कर लिया। शहनाई के साथ सितार की युगलबंदी ने माहौल को और अधिक सुरीला बना दिया।

लॉकडाउन के समय रंगमंच के पर्याय बने नेट-थियेट पर आज बजाई भारत रत्न और शहनाई के पर्याय उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पोते उस्ताद फतेह अली ने शहनाई पर राग पूरिया में आलाप, और गत बजाई वही सितार पर ख्यातनाम कलाकार पंडित हरिहर शरण भट्ट ने शहनाई के साथ जुगलबंदी की भट्ट ने आलाप, जोड़ ,झाला, और तीन ताल में बंदिश पेश की। इसके बाद राग झिंझोटी में फतेह अली ने अपनी शहनाई पर ऐसे सुर छेडे की माहौल को खुशनुमा कर दिया। नेट-थियेट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि इस सावनी स्वर संध्या में कलाकारों ने जो माहौल बनाया उससे बरसाती फुहारों का आनंद और भी बढ़ गया। पूरिया धनश्री के बाद फतेह अली ने मिश्र खमाज में बनारस की खास कजरी और चेती भी सुनाई। 

इनके साथ तबले पर प्रदेश के युवा तबला वादक गुलाम फरीद ने बेहतरीन संगत से कार्यक्रम का समां बांध दिया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ ने किया।

संगीत विष्णु कुमार जांगिड, प्रकाश मनोज स्वामी, जितेन्द्र शर्मा,, अंकित जांगिड व सेट मुकेश कुमार सैनी, अर्जुन देव, सौरभ कुमावत, अजय शर्मा, जीवितेश शर्मा, अंकित शर्मा नोनू, धृति शर्मा कृष्ण कुमार शर्मा और रोहित रहे।