श्रीगंगानगर , के सीएमएचओ कार्यालय में नजदीक पोस्टिंग देने के नाम पर ₹30000 की रिश्वत लेने के आरोपी दो बाबूओ कि आज ऐसीबी न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

  इधर विभागीय निर्देशानुसार रिश्वत के इन दो आरोपियों कर्मचारी नेता संदीप जाखड़ और पंकज वर्मा को निलंबित करने के आदेश विभाग द्वारा जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे ।


 सीएमएचओ कार्यालय के रिश्वतखोर बाबू संदीप जाखड़ ओर पंकज वर्मा के खिलाफ एसीबी जयपुर ने  मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।  वहीं इस रिश्वतकांड में सीएमएचओ गिरधारीलाल मेहरड़ा की भूमिका  की अलग से जांच होगी । अब स्वास्थ्य विभाग जाखड़ ओर पंकज को निलंबित करने  कार्यावाही भी शुरू करने वाला है। ।

  गौरतलब है कि सीएमएचओ कार्यालय में संविदा पर हो रही लैब टेक्नीशियन की भर्ती में नजदीकी गांव में पोस्ट देने के नाम पर सीएमएचओ गिरधारी लाल मेहरडा की शह पर कार्यालय की दो बाबू पंकज वर्मा और संदीप जाखड़ ने एक चयनित युवक से ₹30000 की रिश्वत गिरधारी लाल मेहरड़ा के नाम पर लिये थे।

   पीड़ित द्वारा एसीबी हनुमानगढ़ में शिकायत करने पर मामले का सत्यापन करते हुए  दोनों बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।

 गौरतलब है कि इस मामले में दोनों आरोपियों ने सीएमएचओ गिरधारी लाल मेहरडा के नाम पर रिश्वत देना स्वीकार किया था, इसलिए गिरधारी लाल मेहरडा  सीएमएचओ कि इस मामले में भूमिका की अलग से जांच की जाएगी।


  इधर कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के पहले कर्मचारी नेता संदीप जाखड़ द्वारा जेल जाने से बचने के लिए खराब स्वास्थ्य  व  पेट दर्द होने के आधार पर अस्पताल में भर्ती होने की कोशिश की थी। स्थानीय चिकित्सक ने उसे पूरी तरह स्वस्थ मानते हुए अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया था।

 इसी बीच रिश्वतखोर संदीप जाखड़ के पक्ष में स्थानीय चिकित्सा विभाग के कर्मचारी नेता व  कई कर्मचारी एवं अन्य लोगों ने आकर मेडिकल ज्यूरिस्ट पर दबाव बनाकर उसे चिकित्सालय में भर्ती करने की कोशिश की, मगर मामला बढ़ने व मीडिया के मौके पर  आने से एक एक कर सभी नेतागण वहां से दबे पांव खिसक लिए ।

बाद में जाखड़ को स्वस्थ पाते हुए जेल भेज दिया गया था।  संदीप जाखड़ और पंकज वर्मा की जमानत अर्जी एसीबी द्वारा खारिज करने के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया है।

रिश्वत प्रकरण के इस मामले की जांच के साथ-साथ एक फिमेल नर्स के वेतन बनाने के मामले में इन दोनों बाबुओ द्वारा रिश्वत मांगने के मामले की भी जांच भी  ऐसीबी साथ ही करेगी।

ध्यान रहे कि बाबू पंकज वर्मा पर प्रताड़ित करने के आरोपों को लेकर एक चिकित्सक ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने का प्रयास भी पिछले दिनों किया था, मगर cmho की शह के चलते उसकी भी जांच ठंडे बस्ते में चली गई। 

इन दोनों बाबुओ तथा सीएमएचओ मेहरड़ा की रिश्वत ओर भृष्टाचार चर्चे काफी आम है ।, ध्यान रहे कि दोनों ही बाबू अपने पिता के निधन पर उनकी जगह अनुकंपा नियुक्ति पर नौकरी हासिल किए हुए है।

 श्रीगंगानगर से राकेश मितवा की खबर


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