देश के सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले राज्य राजस्थान में वैक्सीन का परिवहन काफी महंगा साबित हो रहा है। इसमें केंद्र से जरूरत के मुताबिक काफी कम आ रही वैक्सीन की संख्या ने भी खर्च में बढ़ोतरी कर दी है।


 जैसलमेर, गंगानगर, सिरोही और बांसवाड़ा जैसे दूरस्थ जिलों से वैक्सीन लेने वाहन जयपुर आते हैं। एक लाख 20000 क्षमता वाले वाहन में यहां से सिर्फ हजार से 5000 वैक्सीन ही मिलती हैं। देखा जाए तो इन जिलों से राजधानी की दूरी के हिसाब से प्रदेश पर हर महीने लगभग 80 लाख से 1 करोड रुपए का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इस राशि में 30 से 50 हजार वैक्सीन हर महीने मिल सकती है।



 आपको बता दें कि टीकाकरण के लिए प्रदेश में 48761 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं। पिछले कई दिनों से 70 फ़ीसदी से भी ज्यादा टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन की सप्लाई बाधित हो रही है। कई सेन्टरों पर तो तीन-चार दिन तक भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही। राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है।

ब्यूरो रिपोर्ट।

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