सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर में पर्यटन सत्र के आखिरी दिन आज बुधवार को सुबह की पारी में बाघिन ऐरोहेड टी-84 व उसकी युवा बाघिन बेटी रिद्धि टी-124 को स्वच्छंद विचरण करते देख सैलानी गदगद हो गए। जोन नम्बर दो में युवा बाधिन रिद्धि टी-124 को पर्यटकों ने निहारा। वहीं जोगी महल क्षेत्र में बाघिन ऐरोहेड टी-84 को देख सैलानी खासे खुश नजर आए। पर्यटन सत्र के आखिरी दिन आज रणथम्भौर में देशी सैलानियों की खासी भीड़ उमड़ी।


सुबह की पारी में जोन दो में युवा बाघिन रिद्धि टी-124 को देख पर्यटन गदगद हो गए। वहीं जोगीमहल क्षेत्र में बाघिन ऐरोहेड टी-84 को विचरण करते देख सैलानी खासे खुश नजर आए। बाघिन ऐरोहेड जोगी महल रास्ते पर आने के बाद पास ही बनी छतरी में जाकर बैठ गई और सुस्ताने लगी। वहीं युवा बाघिन रिद्धि टी-124 जोन दो में खजूर के पेड़ों की ओट में घास में काफी देर बैठी रही।

 

इसके बाद वहां से रवाना होकर सड़क किनारे चलते हुए आगे बढ़ी और थोड़ी देर भ्रमण करने के बाद पेड़ों में जाकर औझल हो गई। रणथम्भौर में नया पर्यटन सत्र एक अक्टूबर से शुरु होता है जो 30 जून को समाप्त होता है। मानसूनी मौसम के चलते रणथम्भौर नेशनल पार्क के जोन एक से पांच में पर्यटन गतिविधियां तीन माह के लिए पूरी तरह बंद रहती है। ऐसे में पर्यटन सत्र के आखिरी दिन होने के चलते आज 30 जून को देशी सैलानियों ने जिप्सी व केण्टर सफारी से वन भ्रमण का लुत्फ लिया तथा वन्यजीवों विशेषकर बाघों की स्वच्छंद अठखेलियां देख खासे गदगद हुए।

बरसात के मौसम के चलते एक जुलाई से 30 सितम्बर तक रणथम्भौर में पर्यटन गतिविधियां बंद रहती है, लेकिन बफर जोन छः से दस में पर्यटन गतिविधियां जारी रहती है। रणथम्भौर नेशनल पार्क को दस जोन में विभाजित कर रखा है। रणथम्भौर के कोर एरिया में अंदर जोन एक से पांच बने है तथा बफर जोन में जोन छः से दस है। बरसात के चलते कोर एरिया में बने जोन में भ्रमण के रास्ते खराब हो जाते हैं

 तथा वन्यजीवों का प्रजनन काल होने के कारण जोन एक से पांच में पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह रोक दी जाती है। वहीं जोन छः से दस तक में पर्यटन गतिविधियां अन्य दिनों की तरह संचालित होती है।

सवाई माधोपुर से हेमेंद्र शर्मा की रिपोर्ट। 

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