नागौर से शबीक उस्मानी की रिपोर्ट। 

नागौर, राजस्थान के मध्य भाग में स्थित लंबे- चौड़े भूभाग व राज्य के आधा दर्जन जिलों से  लगती सीमाओं वाला जिला, जनमानस में यहां की एक बड़ी तादाद दक्षिणी भारत के कई राज्यों में रहती हैं।कोरोना के संक्रमण का दूसरा दौर आया, बड़ी संख्या में कोविड-19 पाॅजिटिव मरीज पाए गए लेकिन टीम हैल्थ नागौर ने इसका डटकर मुकाबला किया। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा मिशन अगेंस्ट कोरोना, पूरे राज्य में माॅडल बनने की ओर से अग्रसर है। सरकारी अस्पतालों में आॅक्सीजन का तंत्र विकसित करने के लिए आपरेशन प्राणवायु, कोविड डेडिकेटेड हाॅस्पिटल, कोविड केयर कंसलटेंसी सेंटर, कोविड केयर सेंटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर से लेकर कोविड पाॅजिटिव मरीजों को जीवनरक्षक इंजेक्शन व दवाईयों तक में किसी भी तरह की कमी नहीं आने का सफलतम प्रयास टीम नागौर ने किया। कोविड डेडिकेटेड हाॅस्पिटलों व कोविड केयर सेंटर्स पर भर्ती कोरोना पाॅजिटिव मरीजों से आनलाइन संवाद और उनकी राउण्ड द क्लाॅक केयर टेकिंग व्यवस्था, कोरोना सैम्पलिंग, रेपिड एंटीजन टेस्ट से लेकर कोविड वैक्सीनेशन तक में नागौर के कोविड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम एक नजीर बनकर उभरा है। राज्य सरकार के जन अनुशासन पखवाड़ा व लाॅकडाउन नियमों की पालना करवाने, मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी, मेरा वार्ड-मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत घर-घर हैल्थ स्क्रीनिंग व मेडिसिन किट वितरण के काम को युद्ध स्तर पर चलाते हुए टीम हैल्थ नागौर जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के नेतृत्व में प्रशासन एवं पुलिस की सहायता से कोरोना के नए स्ट्रेन के संक्रमण की चैन को तोड़ने का प्रयास किया है। वहीं दूसरी जिले में कुपोषित बच्चों व एनीमिक किशोरी बालिकाओं को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जिले में एक  अभिनव अभियान ‘‘लाडेसर‘‘ गत 27 मई को जिला कलक्टर के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है। अभियान लाडेसर के तहत तीन दिनों में करीब 60  हजार बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें से 900 बच्चे कुपोषित व 24 बच्चे अतिकुपोषित पाए गए हैं। इन कुपोषित बच्चों को लाडेसर पोषक किट का वितरण शुरू किया जा चुका हैं। वहीं अभियान के तहत पूर्व में चिन्हित की गई जिले की 930 एनीमिक किशोरी बालिकाओं को आयरन फोलिक एसिड व मल्टीविटामिन मेडिसिन किट वितरित किए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ अभियान के दौरान नई एनीमिक किशोरी बालिकाओं की हैल्थ स्क्रीनिंग के जरिए पहचान की जा रही है। 

जिला कलक्टर व टीम हैल्थ नागौर ने जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों व स्वयंसेवी संगठनों की मदद से इस अभियान में आमजन को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूकता लाने के काम में एक हद तक सफलता भी हासिल की है। इसी तरह का नतीजा है कि आज नागौर जिले के कई गांव ऐसे हैं, जहां एक भी कोरोना एक्टिव केस नहीं  बचा है तो कई गांव ऐसे हैं जहां का कोई भी नागरिक कोरोना से संक्रमित ही नहीं हुआ। इसके पीछे का कारण उन गांवों क आमजन की नो माॅस्क नो मुवमेंट, दो गज की दुरी और सेनेटाइजेशन के प्रति जागरूकता रखना भी रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया ने बताया कि जिले में 171 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनमें वर्तमान में एक भी कोरोना एक्टिव केस नहीं है। वहीं जिले में 163 गांव ऐसे हैं, जहां कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर में एक भी कोविड पाॅजिटिव मरीज नहीं पाया गया। यह स्थिति जिले के हर गांव व हर शहरी वार्ड में बनें, कोरोना पाॅजिटिव मरीजों का आंकड़ा बेहत्तर चिकित्सा प्रणाली और उनके हौंसले की बदौलत कम हो, इसके लिए टीम हैल्थ नागौर जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में हर स्तर पर काम कर रही है। जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी व अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनोज कुमार के निर्देशानुसार काम कर रही  टीम हैल्थ नागौर में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मुश्ताक अहमद, महिला अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. शीशराम चौधरी,  महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक डाॅ. सिकरामाराम चोयल, सीडीओ सम्पतराम, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. महेन्द्रसिंह मीणा, एनएचएम के डीपीएम राजीव सोनी, जिला नोडल अधिकारी भवानीसिंह हापावत, एपीडेमोलाॅजिस्ट साकिर खान व जिला आशा समन्वयक कुमार गौरव कुमार व्यास सहित समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी व समस्त सीबीईओ  व उनकी टीम कोरोना को मात देने के लिए प्रयासरत है। 


658 बैड पर आक्सीजन सपोर्ट सुविधा उपलब्ध

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. महिया ने बताया कि जिले के सरकारी एवं निजी कोविड डेडिकेटेड हाॅस्पिटल,  कोविड केयर एण्ड कंसलटेंसी सेंटर व कोविड केयर सेंटर्स पर वर्तमान में 658 बैड पर आॅक्सीजन सपोर्ट की सुविधा उपलब्ध है, जिनमें से वर्तमान में 154 बैड पर भी कोरोना पाॅजिटिव मरीज भर्ती हैं। वहीं आक्सीजन कंसंट्रेटर की भी अब जिले में कमी नहीं रही है । एपीडेमोलाॅजिस्ट शाकिर खान ने बताया कि पंडित जेएलएन जिला अस्पताल में 190, लाडनूं, कुचामन व डीडवाना के राजकीय उप जिला अस्पतालों में 125, कोविड केयर कंसलटेंशन सेंटर्स में 238, कोविड केयर सेंटर्स पर 37 तथा कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के उपचार के लिए चिन्हित निजी चिकित्सालयों में 68 बैड पर आक्सीजन सपोर्ट सुविधा उपलब्ध है। 


उखड़ती सांसों को थामने के लिए 504 आक्सीजन कंसट्रेटर

जिला मुख्यालय सहित उपखण्ड मुख्यालयों पर राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए आक्सीजन कंसंट्रेटर्स के अलावा जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार के प्रयासों से भामाशाहों व समाजसेवियों तथा निजी क्षेत्र की कंपनीज ने भी गंभीर कोविड मरीजों की उखड़ती सांसों को थामने के लिए बड़ी संख्या में आक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया करवाए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ मेहराम महिया ने बताया कि वर्तमान में कुल 504 आक्सीजन कंसट्रेटर चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध करवा दिए गए हैं। 


सात लाख से अधिक परिवारों की हैल्थ स्क्रीनिंग

नागौर जिले में कोरोना के नए स्ट्रेन के संक्रमण काल में टीम हैल्थ नागौर द्वारा अब तक अप्रेल माह से लेकर मई की 24 तारीख तक डोर-टू-डोर हैल्थ सर्वे के दो चरण पूरे हो चुके हैं। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. शीशराम चौधरी ने बताया कि जिला कलक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशानुसार घर-घर हैल्थ सर्वे का काम जारी है। गत 24 मई को इसके दो चरण पूरे हो चुके हैं। 

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. चौधरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए किए जा रहे घर-घर सर्वे के दूसरे चरण में 10 मई से 24 मई तक जिले भर में लगी 28 हजार 369 हैल्थ टीमों (एएनएम, आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता) ने सात लाख से अधिक परिवारों की हैल्थ स्क्रीनिंग की। इस सर्वे में 33 हजार 485 आईएलआई प्लस कोविड संस्पैक्टेड पेशेंट पाए गए, जिनको चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की विशेषज्ञ चिकित्सक टीम द्वारा निर्धारित मेडिसिन किट भी निशुल्क वितरित किया गया। इनके अतिरिक्त 10 हजार 629 आईएलआई पेंशेंट ऐसे पाए गए, जिन्हें निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान में उपचार खातिर भेजा गया। वहीं हैल्थ सर्वे के दौरान 60 हजार 150 ऐसे व्यक्ति पाए गए, जो जिनके किसी दूसरे जिले व दूसरे राज्य से आने की पुष्टि हुई, ऐसे लोगों को हैल्थ टीमों ने कोविड गाइडलाइन के मुताबिक निर्धारित अवधि तक होम क्यूरांटाइन में रहने की सीख दी गई। मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी तथा मेरा वार्ड-मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत घर-घर सघन हैल्थ सर्वे का तीसरा चरण भी 25 मई को शुरू हो चुका है।