विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक बार फिर धूम्रपान से हो रहे खतरे के प्रति आम जनता को आगाह किया गया। इस अवसर पर जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों में होने वाले कैंसर का 45% कारण तंबाकू और महिलाओं में 17% धूम्रपान का योगदान है। ज्यादातर पुरुषों में ओरल कैंसर के केस मिल रहे हैं जो कि गुटखा पान, मसाला जर्दा या तंबाकू की देन है। ओरल कैंसर का 80 फ़ीसदी यही कारण माना गया है।



 चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में 15 से 24 वर्ष आयु वर्ग के युवा तंबाकू या अन्य धूम्रपान उत्पादों की गिरफ्त में है। देश भर में 10 से 14 साल आयु के 20 लाख किशोर इस लत का शिकार हो रहे हैं। धूम्रपान उत्पादों के इस्तेमाल से प्रदेश में हर साल 77000 लोगों की मौत हो जाती है। वही देश में 13:50 लाख लोग धूम्रपान की लत के चलते अकाल मौत का शिकार बन जाते हैं। विशेषज्ञों ने यह भी बताया है कि तंबाकू सेवन करने वाले लोगों में कोरोनावायरस भी सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले लगभग 50 फ़ीसदी ज्यादा होता है। इस दिशा में पिछले कई सालों से राज्य सरकार सहित निजी स्तर पर भी समझाइश के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, अभियान भी चलाए जाते हैं लेकिन इसके बावजूद प्रदेश भर में तंबाकू के सेवन और इससे मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

ब्यूरो रिपोर्ट!