हाईकोर्ट ने प्रदेश में ऑक्सीजन व रेमेडीसिविर इंजेक्शन की कमी से कोविड मरीजों को हो रही परेशानी के मामले में राज्य सरकार से कहा है कि वह उन राज्यों से बातचीत करे जहां पर ऑक्सीजन सरप्लस है। किसी भी स्थिति में ऑक्सीजन की सप्लाई में रुकावट नहीं आनी चाहिए। सीजे इन्द्रजीत महान्ति ने कहा कि उड़ीसा में ऑक्सीजन सरप्लस होने की जानकारी है, राज्य सरकार वहां की सरकार से ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए चर्चा करे और चाहे तो अदालत भी वहां पर बातचीत कर सकती है। इस मुद्दे पर बेंच भी राज्य सरकार की मदद के लिए तैयार है। सीजे व जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने ये निर्देश शुक्रवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर की पत्र याचिका पर सुनवाई करतेे हुए दिया। अदालत ने कहा कि ऑक्सीजन, रेमेडिसीवर इंजेक्शन सहित अन्य दवाओं की सप्लाई में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। वहीं अदालत ने प्रदेश में ऑक्सीजन व रेमेडीसिविर इंजेक्शन की सप्लाई कम होने से जुड़ी अधिवक्ता पीसी भंडारी की पीआईएल को खत्म करते हुए कहा कि बार एसोसिएशन ने भी यही समान मुद्दा उठाया है। ऐसे में पीसी भंडारी इंटर्वीनर के तौर पर बार एसोसिएशन की याचिका में अपना पक्ष रख सकते हैं। सुनवाई के दौरान एजी एमएस सिंघवी ने अधिवक्ता भवन को कोविड केयर सेंटर बनाने से पहले आॅक्सीजन सप्लाई का इंतजाम होना जरूरी बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि वे बार एसोसिएशन के सहयोग से आक्सजीन कन्सेंटरेटर उपलब्ध करवाने को तैयार है। जिस पर सीजे ने कहा कि इसमें बेंच भी सहयोग करेगी।

एजी ने कहा, पहले सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई देंगे, निजी मेडिकल कॉलेज का मामला कमेटी में भेजा:

मामले की सुनवाई के दौरान निम्स मेडिकल कॉलेज ने एक प्रार्थना पत्र दायर कर अदालत से ऑक्सीजन की सप्लाई करवाए जाने का आग्रह किया। इसके विरोध में एजी एमएस सिंघवी ने कहा कि पहले सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी। यदि निजी मेडिकल कॉलेज को कोई परेशानी हैै तो वे राज्य की कमेटी के समक्ष अभ्यावेदन दें। जिस पर अदालत ने निजी मेडिकल कॉलेज को राज्य स्तरीय कमेटी के समक्ष प्रतिवेदन देने के लिए कहा। साथ ही कमेटी के निर्णय से असमहत होने पर दोबारा अदालत मे आने की छूट दी है।

यह कहा है याचिका में: 

पत्र याचिका में कहा है कि महामारी के इस दौर में अस्पतालों को जितनी मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होनी चाहिए, उतनी मात्रा में आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे मरीजों को काल का ग्रास बनना पड़ रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर समस्या से पल्ला झाड़ रहे हैं।

 केन्द्र और राज्य में सत्तारूढ़ सरकार अलग-अलग राजनीतिक दलों की होने के चलते दोनों सरकारों में आपसी तालमेल नहीं बैठने के कारण ऑक्सीजन की समस्या का निपटारा नहीं हो रहा है। इसलिए न्यायपालिका इसमें दखल देकर केन्द्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था को सुचारू कराए।

जयपुर से मुकेश शर्मा की खबर।