ब्यूरो रिपोर्ट! साल 2020 की शुरुआत में जैसे ही कोरोना वायरस ने हमारे देश में प्रवेश किया तो हमने शुरुआती 2 महीने के दौरान इसको काफी हल्के में लिया और इसकी तरफ से उदासीन बने रहे लेकिन जैसे ही फरवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में विदेशों से इसके खतरनाक महामारी होने के संकेत मिलने लगे तो हम मार्च 2020 के अंतिम दिनों में जागे और देश को पहला और सबसे लंबी अवधि का लॉकडाउन झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। देखा जाए तो हम उस दौरान काफी भयभीत भी हुए। हर कदम सावधानी से उठाया। अपने और अपने परिवार के साथ समाज की सुरक्षा के प्रति काफी सतर्क भी रहे। हालांकि इस अवधि में हमने नौकरियां भी खोई, बेरोजगार भी हुए और धंधा पानी भी एक तरह से चौपट हो गया। लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि इतनी परेशानियां झेलने के बावजूद हम सतर्क, सावधान और पूरी तरह से चाक-चौबंद रहे। धीरे-धीरे लॉकडाउन की पाबंदियां खुली और यह जानते हुए कि कोरोना वायरस हमारे बीच से अभी विदा नहीं हुआ है। हमने इस खतरे को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। हमारे देश के राजनीतिक दलों ने भी हमारी लापरवाही को हाथों हाथ लिया और जनता अब फिर सुखी संपन्न हो गई है यह सोचकर अपनी चुनावी महत्वाकांक्षा को यथार्थ के धरातल पर उतार दिया। हम भी बाजारों में खुलेआम भीड़ में शामिल होकर सामान्य दिनों की तरह ही बर्ताव करने लगे। मास्क अलमारियों में सज गए, सैनिटाइजर भूल गए और सोशल डिस्टेंस की तो हमें परवाह ही नहीं रही। उसके बाद बुझते हुए दिए ने अचानक ऐसी लो पकड़ी कि हम एक तरह से चारों खाने चित हो गए। जिस कोरोना की हम अपने देश से विदाई तय मान रहे थे, उसने हमारी लापरवाहियों की पतवार पकड़कर चौगुने जोश के साथ एंट्री मारी और अपनी मौजूदगी की असली फिल्म दिखा दी। देश में चारों तरफ त्राहि-त्राहि का माहौल व्याप्त हो गया। दिन-ब-दिन हालात बेकाबू होते देख कर अब प्रशासन तो क्या समूचा चिकित्सा तंत्र भी हांफने लगा है। पिछले दौर में बुजुर्गों को निशाना बनाने वाली इस महामारी ने अब नवजात से लेकर बुजुर्ग तक यानी हर उम्र के लोगों को अपनी भयानक चपेट में ले लिया है। दूसरी लहर के दौरान इसका यह रौद्र रूप विशेषज्ञों की समझ में भी नहीं आ रहा। सबसे भयानक बात तो यह है कि जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी शरीर के अंदर इसकी मौजूदगी और तीव्र गति से संहार करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। आंकड़ों की नजर में गुरुवार का दिन अब तक सबसे भयानक दिन साबित हुआ है। देश में एक ही दिन के दौरान संक्रमित केस का विश्व रिकॉर्ड बन गया। इस दिन देश भर में कुल 379000 पॉजिटिव मामले सामने आए वही राजस्थान में भी गुरुवार का दिन हाहाकारी साबित हुआ। प्रदेश में भी अब तक पॉजिटिव केस का सर्वाधिक रिकॉर्ड बना और 1 दिन में कुल 17269 पॉजिटिव केस रिकॉर्ड किए गए। इसमें दुखद पहलू तो यह रहा कि एक ही दिन में मौतों का ग्राफ बढ़ गया और 158 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। जिसमें सर्वाधिक जयपुर में 32, जोधपुर में 30, उदयपुर में 12 और बाड़मेर के साथ सीकर में 10 10 लोगों ने कोरोना के चलते अपनी सांसे छोड़ दी। पॉजिटिव मामलों में देखा जाए तो सर्वाधिक केस जयपुर में 3602, जोधपुर में 2036, उदयपुर में 1105 और अलवर में 1101 लोग संक्रमित मिले। देखा जाए तो पिछले 4 दिन से मौतें जहां 84 से 158 की संख्या तक पहुंच गई। वहीं संक्रमित केस भी 15000 से 17000 के पार पहुंच गए। हालात काबू करने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें दिन-रात लगी हुई है। कोरोना वारियर्स ने भी लोगों की जान बचाने की दिशा में अपनी तमाम कोशिशें झोंक दी है। लेकिन कोरोना विश्व की इस जीवन्त फिल्म में ऐसा खलनायक बनकर उभरा है जिसके आगे अच्छे-अच्छे नायक पस्त होते नजर आ रहे हैं।