ब्यूरो रिपोर्ट।

दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे साइबर ठगी के मामलों पर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग (डीओटी) भी अब एक्टिव मोड में आ गया है। अब साइबर ठगी के कारण और उसका समाधान दोनों पर काम होगा। इसमें मोबाइल ऑपरेटरों की भूमिका भी सुनिश्चित की जाएगी। आपको बता दें कि अकेले जयपुर शहर में ही हर महीने औसतन 80 से भी ज्यादा लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। लगातार बढ़ते जा रहे साइबर अपराध का मामला ट्राई मुख्यालय तक भी पहुंचा था। डीओटी की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी व्यक्ति। अधिकतम नो मोबाइल सिम कनेक्शन ले सकता है। इसमें सभी मोबाइल ऑपरेटर शामिल है, लेकिन अभी तक ऐसा मॉनिटरिंग मेकैनिज्म ही नहीं कि जिससे सभी मोबाइल ऑपरेटरों से ऐसी जानकारी एक पोर्टल पर उपलब्ध हो सके, लेकिन अब इस दिशा में तेजी से काम होगा।