प्रदेश के स्वायत्त शासन विभाग को एक बार फिर स्थानीय शहरी निकायों में बिल्डिंग बायलॉज लागू करने की सुध आई है। अब विभाग ने प्रदेश के सभी शहरी निकायों को यह निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में 4 मार्च तक  बिल्डिंग बायलॉज लागू करें नहीं तो यह 5 मार्च से स्वत: ही लागू माने जाएंगे। 


आपको बता दें कि शहर के सुनियोजित विकास के लिए स्वायत शासन विभाग ने बिल्डिंग बायलॉज लागू किए थे और इन्हें लागू करने की कवायद  काफी समय से चल रही थी। लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश के 196 शहरी निकायों में से केवल 20 निकायों ने ही इन्हें अब तक लागू किया है। ऐसे में लाखों लोग bye-laws में शामिल अनेक सुविधाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। 

हालात यह भी है कि कई शहरों में पुराने bye-laws के जरिए अपनों के काम निकालने का खेल चल रहा है। अब विभाग ने सभी निकायों को अल्टीमेटम दिया है कि 4 मार्च तक इन्हें लागू करें नहीं तो 5 मार्च से स्वत: ही लागू माने जाएंगे। आपको बता दें कि बिल्डिंग bye-laws के तहत 500 वर्ग मीटर तक क्षेत्रफल के भूखंडों के लिए नक्शा अनुमोदन की जरूरत नहीं है। 


केवल साइट प्लान और निर्धारित शुल्क जमा कराकर निर्माण किया जा सकेगा। वहीं 2500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर डीम्ड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम लागू होगा, जिसके तहत पंजीकृत आर्किटेक्ट से नक्शे बनवाकर निकाय में प्रस्तुत करने के बाद निर्माण शुरू किया जा सकेगा। इसके लिए निकाय की स्वीकृति की भी जरूरत नहीं है। वहीं 18 मीटर ऊंचाई तक के भवनों को बहुमंजिला श्रेणी में माना गया है। 


जबकि अब तक यह माप 15 मीटर था। इससे छोटे भूखंडों पर 3 मीटर ज्यादा ऊंचाई तक निर्माण अब आसान होगा। वही नक्शा अनुमोदन और पट्टा जारी करने से पहले  के निर्माण जो बिल्डिंग bye-laws के अनुरूप हो उसको निर्धारित राशि की पेनल्टी के साथ जमा कराकर अनुमोदन योग्य निर्माण क्षेत्र में शामिल करने की छूट होगी।